मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को राहत, अंतरिम जमानत नौ अक्तूबर तक बढ़ाई गई
Sप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत आठ अक्तूबर तक बढ़ा दी।
मामला न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। इसके बाद पीठ ने इसे नौ अक्तूबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
इससे पहले आम आदमी पार्टी नेता की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी थी। सत्येंद्र जैन की 21 जुलाई को सर्जरी हुई थी। चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत समय-समय पर बढ़ाई गई है। शीर्ष अदालत ने 26 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि जैन प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकते हैं, लेकिन किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे। न ही दिल्ली के बाहर जाएंगे। कोर्ट ने उन्हें मीडिया से बात न करने और न ही बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने सहित कई शर्तें लगाईं थीं।
बता दें कि जैन 31 मई 2022 से हिरासत में थे। छह अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां से उन्हें 360 दिन बाद 42 दिन की जमानत मिली थी। इससे पहले 25 मई की सुबह आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के वॉशरूम में फिसलकर गिर पड़े थे। जिसके बाद उन्हें दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती किया गया था। दोपहर में उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) में शिफ्ट कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। एक हफ्ते में यह तीसरा मौका था, जब जैन हॉस्पिटल पहुंचे थे।
सत्येंद्र जैन पर मनी-लॉन्ड्रिंग का है मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 24 अगस्त 2017 को सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को आधार बनाकर जैन के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदी थीं। जिसका वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके थे। उनके साथ पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।