गणेश चतुर्थी है आज, भूलकर भी चंद्रमा को ना देखें, वर्ना छवि धूमिल और झूठे कलंक के हो सकते है भागीदार, भूलवश देख लें चंद्रमा तो करें यह उपाय

गणेश चतुर्थी है आज, भूलकर भी चंद्रमा को ना देखें, वर्ना छवि धूमिल और झूठे कलंक के हो सकते है भागीदार, भूलवश देख लें चंद्रमा तो करें यह उपाय

गणेश चतुर्थी आज मंगलवार को है. भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना वर्जित होता है. विनायक चतुर्थी के दिन भी चंद्रमा नहीं देखते हैं. इससे दोष लगता है. यदि आप गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखते हैं तो आपकी छवि धू​मिल हो सकती है. ऐसा क्यों होता है? इसके लिए आपको भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी घटना को जानना होगा.

गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने के बाद दोष से मुक्ति के भी उपाय हैं. आज गणेश चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय सुबह 09:45 am पर है और चंद्रास्त रात 08:44 pm पर होना है. इस आधार पर देखा जाए तो आज चंद्रमा करीब 11 घंटे तक दिखाई देगा. आज चंद्रमा का दर्शन न करें.

गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा क्यों नहीं देखना चाहिए?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से व्यक्ति पर झूठा कलंक लगता है. इससे आपकी छवि धूमिल हो सकती है, आपकी प्रतिष्ठा, मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकता है. जब द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने चौथ का चांद देखा था तो उन पर चोरी का झूठा कलंक लगा था.

गणेश जी ने दिया था चंद्रमा को श्राप :
एक बार गणेश जी भोजन कर रहे थे तो चंद्र देव उनके स्वरूप को देखकर उनका उपहास करने लगे. इस पर गणेश जी क्रोधित हो गए और चंद्र देव को श्राप दे दिया कि तुम अपना प्रभाव खो दोगे और सभी कलाएं भी खत्म हो जाएंगी. जो तुम्हें देखेगा, उसे भी दोष लगेगा. बाद में चंद्र देव ने क्षमा प्रार्थना की तो गणेश जी ने कहा कि महीने में 15 दिन तुम्हारा प्रभाव बढ़ेगा और 15 दिन कम होगा. गणेश जी के श्राप के कारण चतुर्थी पर चंद्रमा का दर्शन नहीं करते हैं.

गणेश चतुर्थी पर भूलवश देख लें चंद्रमा तो करें यह उपाय :
यदि आप गणेश चतुर्थी पर गलती से चंद्रमा देख लेते हैं तो उसके दोष से बचने के लिए कुछ ज्योतिष उपाय कर सकते हैं. दोष से मुक्ति के लिए सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. उसके बाद पूजा में उपयोग किए गए फल, फूल, मिठाई आदि को चंद्रमा को दिखाकर किसी जरुरतमंद को दान कर दें. झूठे कलंक से मुक्ति के लिए नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें.
सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:

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