सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी और उनके गुर्गो पर एक महिला को बेघर घरने का लग रहा आरोप, पीड़ित महिला ने लगायी न्याय की गुहार पर नहीं हो रही कोई सुनवाई, विधायक के बेलगाम गुर्गों के आये दिन कारनामे चुनावी मौसम में बीजेपी की कही बिगाड़ न दें फिजा!

सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी और उनके गुर्गो पर एक महिला को बेघर घरने का लग रहा आरोप, पीड़ित महिला ने लगायी न्याय की गुहार पर नहीं हो रही कोई सुनवाई, विधायक के बेलगाम गुर्गों के आये दिन कारनामे चुनावी मौसम में बीजेपी की कही बिगाड़ न दें फिजा!

  • रामकुमार पांडेय के बाद ममता मिश्रा के घर पर सेमरिया विधायक की नजर
  • मंत्री राजेंद्र शुक्ला की छवि को भी कर रहे धूमिल, उन्हीं के मोहल्ले में विधायक का आतंक

हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं ,मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

रीवा: प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भू माफियाओं को नेस्तनाबूत करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके इस निर्देश को उन्ही के पार्टी के विधायक ठेगा दिखा रहे हैं।

ताजा मामला सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी से जुड़ा है, जिनके द्वारा अमहिया स्थित ममता मिश्रा नाम की महिला के घर में कब्जा करने का आरोप लग रहा हैI दरसल, महिला के दरवाजे में बाउंड्री बनाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया। जबकि महिला वर्षों से उसी रास्ते का उपयोग कर बाहर निकल रही थी।

सत्ता के मद में चूर विधायक के ऊपर पहले भी इसी मकान के मकान मालिक रामकुमार पांडेय् ने आरोप लगाया था कि यह उनका मकान था और किराए से आए केपी त्रिपाठी ने कब्जा कर लिया है। उक्त मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि विधायक केपी त्रिपाठी के भाई और गुर्गे अकेली महिला का दरवाजा बंद कर दिया। हद् तो यह हो गई कि पीड़िता पुलिस से फरियाद करती रही लेकिन पुलिस केवल मौका मुआयना कर लौट आई।

पीड़ित ने बताया कि वह यहां की पुश्तैनी निवासी है और उसे शंका है कि विधायक केपी त्रिपाठी के इस कार्यालय में अपराधी किस्म के लोग रहते हैं, जो कभी भी उसके साथ गंभीर वारदात कर सकते हैं। चंद मिनटों में बनाई गई बाउंड्री गिराकर अपना रास्ता खुलवाने की मांग पीड़िता ने की है। पीडित ने जब मामले की जानकारी मीडिया को दी तो विधायक के गुर्गे मीडिया के साथ भी बदसलूकी करने का प्रयास किये और उक्त बनाई गई बाउंड्री का वीडियो बनाने से रोका जाने लगा। वह तो गनीमत रही की मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें समझाईस् दी अन्यथा अपराधिक किश्म के वह गुंडे जो सब्जी व्यापारी, सैलून की दुकान में घुसकर मारपीट करने के साथ-साथ शराब दुकान में हमले के साथ सीईओ कांड के आरोपी है मीडिया कर्मियों पर भी हमला कर सकते थे।

रात्रि में महिला जब पुलिस से फरियाद लगाई तो पुलिस के सामने ही दर्जन भर अपराधी किश्म के लोग एकत्र हो गए और धमकी देने लगे।

आपको बता दें कि जिस बिल्डिंग में विधायक केपी त्रिपाठी का कार्यालय संचालित है वह रामकुमार पांडे और उनके भाई राम सूजान पांडे निवासी हर्रई का था। जिस पर विधायक केपी त्रिपाठी किराएदार बनकर आए थे और बाद में कब्जा कर रामकुमार पांडेय् को घर से वेघर कर दिया जो आज गांव में जर्जर भवन में रहने के लिए मजबूर है।

गौरतलब है कि पीड़ित ने कई बार पुलिस प्रशासन और मीडिया के सामने न्याय की गुहार लगाई लेकिन सत्ताधारी पार्टी के विधायक होने के चलते पुलिस प्रशासन पंगु बना रहा, कोई कार्यवाही न होने के चलते ही विधायक और उनके भाई, गुरुगो की इतनी हिम्मत बढ़ गई कि अब अकेली रह रही महिला के घर पर भी नजर गड़ा दिया है। गंभीर आरोप लगाते हुए महिला ने अपने जान माल के सुरक्षा की गुहार लगाई है।

पीड़ित महिला ममता मिश्रा ने आरोप लगाया है और न्याय की मांग की है। इसके पहले रामकुमार पांडेय ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कब्जा करने की बात कही थी, इस कब्जे वाले मकान से लगे हुए ममता मिश्रा के मकान पर भी कब्जा करने का आरोप पीड़िता ने विधायक पर लगाया है।

आपको बता दे की सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी के पिता के ऊपर बम्हौरी निवासी परिवार ने जबरदस्ती फसल काटने का आरोप लगाया था। वही एक बार फिर पैतृक घर पर कब्जा करने का आरोप लगा है।

अब देखने वाली बात यह है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक और उनके भाइयों के खिलाफ पुलिस प्रशासन कोई कार्यवाही करता है या फिर एक महिला के सिर से छत हटने का इंतजार करता है।

विधायक केपी त्रिपाठी मंत्री राजेंद्र शुक्ल के खास बताए जाते हैं, जो लगातार मंत्री राजेंद्र शुक्ल की छवि को भी धूमिल कर रहे है,क्योंकि विगत 20 वर्षों में मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर इस तरह से किसी को भी प्रताड़ित या बदला लेने का आरोप नहीं लगा,चाहे पक्ष हो या विपक्ष, हालांकि जहां चुनावी वर्ष होने के चलते भारतीय जनता पार्टी फूक फूक कर कदम रख रही है, वहीं सेमरिया विधायक के पी त्रिपाठी के ऊपर मतदान काउंटिंग से लेकर चुनावी वर्ष के अंतिम माह में भी आरोपो की झड़ी जारी है पर विधायक है कि अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे, जो आने वाले चुनाव में जिले में भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते है।

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