जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए, मुश्किलें बढ़ीं
एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। कैनरा बैंक के 538 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई की एक अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
उन्हें ईडी की रिमांड समाप्त होने के बाद गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया था। जांच एजेंसी द्वारा रिमांड की मांग नहीं किए जाने पर अदालत ने गोयल को न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक सितंबर को लंबी पूछताछ के बाद धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें मुंबई की विशेष अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने पाया कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने विभिन्न न्यासों का गठन कर और हेराफेरी कर भारत से विदेशों में पैसा भेजा तथा फिर उस पैसे से संपत्तियां खरीदीं। ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम की विशेष अदालत से कहा कि हेराफेरी वाली ज्यादातर धनराशि विदेशी खातों में रखी गई।
हालांकि, भारत की शीर्ष निजी एयरलाइन का संचालन कर चुके उद्योगपति (गोयल) ने दावा किया कि विमानन क्षेत्र बैंक ऋण के बलबूते ही चलता है और पूरी रकम को धनशोधन करार नहीं दिया जा सकता। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी के बयानों से प्रथमदृष्टया संकेत मिलता है कि उन्होंने देश-विदेश में अपने सभी बैंक खातों तथा चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा देने से बचने का प्रयास किया।
क्या है नरेश गोयल के खिलाफ पूरा मामला?
धनशोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। सीबीआई ने केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में ठप हो चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी और एयरलाइन के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
केनरा बैंक की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। बैंक ने कहा है कि उसने जेट एयरवेज को 848. 86 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया है