सिंगरौली के हॉस्टल में 2 दर्जन छात्राएं बेहोश ! अधिकांश करने लगी अजीब हरकतें, फूड पॉइजनिंग की शिकायत पर पहुंची टीम, हालात देख डॉक्टरों के उड़े होश

मध्य प्रदेश सिंगरौली जिले के एक गर्ल्स हॉस्टल में 2 दर्जन छात्राएं अचानक बेहोश हो गई। एक दो नहीं अधिकांश छात्रा अजीब हरकतें करने लगी। फूड पॉइजनिंग की शिकायत पर मेडिकल टीम की टीम तो पहुंची, लेकिन हालात देखकर डॉक्टरों के भी होश उड़ गए। बीपी, शुगर, हीमोग्लोबिन सभी कुछ सामान्य था, तो क्या किसी जादू टोने का शक है? क्या हॉस्टल की छात्राएं मानसिक बीमार हैं? वहीं बच्चियों ने हॉस्टल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए है। हॉस्टल प्रबंधक द्वारा सही भोजन नहीं दिया जाता, जो बीमारी का एक बड़ा कारण सामने आ रहा है ! रीवा और विन्ध्य के कई ठेकेदार पहुचे भोपाल; कॉन्ट्रेक्टर बोले-भुगतान नहीं मिला तो आत्महत्या कर लेंगे, स्कूलों में किया था मेंटेनेंस का काम, करोड़ों अटके…

मुख्यालय से तकरीबन 65 किलोमीटर दूर सरई तहसील के ग्राम गोड़बहरा स्थित सरकारी माध्यमिक गर्ल्स हॉस्टल में रह रही 50 छात्राओं में अधिकांश छात्रा शनिवार देर शाम अजीबो गरीब हरकत करने लगी। कुछ रोने लगी तो कुछ चिल्लाने लगी और कुछ बेहोश हो गई। अचानक इस खबर के फैलते ही फूड पॉइजनिंग की आशंका पर तत्काल सरई से मेडिकल टीम पहुंची।

वहां छात्राओं की हरकत देखते ही मेडिकल टीम के होश उड़ गए, जिस तरह की हरकतें छात्राएं कर रही थी उससे किसी जादू टोने के शक भी बढ़ गया। डॉक्टरों ने सभी का मेडिकल चेकअप कराया तो सभी की हालत सामान्य मिली। जिससे मानसिक बीमारी की भी आशंका है। 2-4 छात्रा ठीक होती तो दूसरी अपने बाल नोंचने लगती और चिल्लाने लगती। इस तरह के हालात ने कई सवालों को पैदा कर दिया।  Read More: Horoscope of 17 September : इस राशि के जातकों को पुराने दोस्तों से होगी मुलाकात, अपने अधीनस्थों से हो सकती है हानि, जानिए अपनी राशि …

डॉक्टरों ने बताया कि फूड पॉइजनिंग की शिकायत पर टीम के साथ पहुंचे। लेकिन ऐसी कोई प्रॉब्लम नहीं है। बताया गया कि यह सब करीब एक महीने से चल रहा है। वहीं बच्चियों को घर में कोई तकलीफ नहीं है, वे हॉस्टल आते ही अजीबो गरीब हरकतें करने लगती है। घर जाने के बाद ठीक हो जाती है। बताया गया कि इन्हें मानसिक बीमारी है।

इस तरह की खबर पर डॉक्टरों के साथ तहसीलदार, पटवारी, जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी, जिला मुख्यालय से मानसिक रोग डॉक्टर भी पहुंचे, लेकिन कुछ क्लियर नहीं हुआ। अंततः कुछ दिनों के लिए सभी छात्राओं को उनके घर भेज दिया गया है।

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