मप्र में बाढ़ का खतरा, इन 36 जिलों में बारिश से बिगड़े हालात

मप्र में बाढ़ का खतरा, इन 36 जिलों में बारिश से बिगड़े हालात

नदी-नाले उफनाए, बरगी डैम के 7, तवा बांध के 13, सतपुड़ा के 14 पारसडोह के 3 गेट, संजय सरोवर बांध के 5 गेट खोले गए

भोपाल। बंगाल की खाड़ी से उठे मानसूनी सिस्टम की बारिश से मप्र तरबतर हो गया।

भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, छिंदवाड़ा, रायसेन, बालाघाट समेत प्रदेश के 36 जिलों में शुक्रवार सुबह से बारिश शुरू हो गई। नर्मदा का जलस्तर बढऩे से जबलपुर में दोपहर 12 बजे बरगी डैम के 7 गेट खोलने पड़े। सतपुड़ा के 14 और पारसडोह बांध के 3 गेट भी खोलने पड़े। वहीं नर्मदापुरम में इस सीजन में पहली बार तवा डैम के सभी 13 गेट को 20-20 फीट तक खोल दिए गए हैं। इन गेटों से 4,08,265 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे सेठानी घाट पर देर शाम तक तेजी से जलस्तर बढ़ जाएगा। इससे निचले क्षेत्रों में पानी भर सकता है। वैनगंगा नदी उफान पर होने से संजय सरोवर बांध के 5 गेट खोल दिए गए हैं।

प्रदेशभर में पांच से अधिक डैम के गेट खोल दिए गए हैं। इससे नदी-नाले उफान पर हैं। इस कारण प्रदेश में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

भारी बारिश के कारण परसवाड़ा के सलंगटोला में रोड धंस गई। इससे बालाघाट जिले का सिवनी से संपर्क टूट गया। जिले की महकारी नदी में उफान आने से ग्रामीण क्षेत्रों में 24 से ज्यादा कच्चे मकान ढह गए है। यहां होमगार्ड और एसडीईआरएफ की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी है। ग्रामीणों को ग्राम के सामुदायिक भवन और पंचायत भवनों में रखा गया है।

नर्मदा में आएगा उफान :

तवा के कैंचमेंट एरिया बैतूल-पचमढ़ी में बारिश की वजह से डैम में तेजी से पानी की आवक हो रही, जिससे शुक्रवार सुबह 10.30 बजे से तवा डैम के 5 गेट 5-5 फीट तक खोले गए थे। दोपहर के बाद सभी 13 गेट को 20-20 फीट की ऊंचाई तक खोल दिया गया। यह इस सीजन में पहली बार है जब तवा डैम के सभी 13 गेट खोलने पड़े। इधर नर्मदापुरम में सुबह से तेज बारिश हो रही है। कई इलाकों में दो-तीन फीट पानी भर गया है।

रायसेन में सडक़ों पर पानी भरा :

शुक्रवार की सुबह से ही रायसेन जिले में तेज बारिश हो रही है। सुबह 6 से 7 बजे तक 1 घंटे तेज बारिश होने से शहर की मुख्य सडक़ें जलमग्न हो गईं। इसके साथ ही निचले घरों में पानी भरा गया। सडक़ों पर पानी जमा हो जाने से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सारणी में सतपुड़ा बांध क्षेत्र में शुक्रवार सुबह तक 51 एमएम बारिश दर्ज की गई। इससे बांध के 14 गेट खोलने पड़े। फिलहाल 7 गेटों से 11 फीट के लेवल पर खुले रखे गए हैं। इससे तवा नदी का जलस्तर बढ़ गया। वहीं, ताप्ती पर बने पारसडोह बांध के भी 3 गेट खोले गए हैं। पारसडोह बांध प्रभारी शिव कुमार नागले ने बताया कि इससे 294 क्यूमेक छोड़ा जा रहा है। बांध फुल टैंक लेवल में महज 15 सीएम बचा है। मुलताई में एक पुलिया पर पानी होने से जीवन बारंगे (50) नाम का शख्स नाले में बह गया। लोगों ने उसे तलाश किया, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। मुलताई के कई रहवासी इलाकों में पानी भर गया है।

छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के 8 गेट खोले :

छिंदवाड़ा में करीब 10 घंटे से तेज बारिश का दौर जारी है। नदी-नाले उफान पर हैं। पेंच प्रोजेक्ट के एसडीओ चौधरी ने बताया कि नदी का जलस्तर बढऩे से माचागोरा डैम के सभी 8 गेट खोले गए हैं। वहीं, सौंसर में बहने वाला नाला उफान पर होने से दिलीप नाम का एक युवक बह गया। पुलिस युवक की तलाश कर रही है। इनको 34 प्रतिशत तक खोलकर 3800 क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जा रहा है। पेंच नदी का जलस्तर बढऩे की वजह से चांद क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है।

तामिया में नदी पार करते समय युवक बहा :

छिंदवाड़ा के तामिया में नदी को पार करते एक युवक बह गया। इसका वीडियो सामने आया है। इसमें युवक पुल पर पानी होने के बाद भी धीरे-धीरे उसे पार करने की कोशिश कर रहा था। आधा रास्ता तय करने के बाद युवक बह गया और पुल के नीचे गिर गया। स्थानीय लोगों ने युवक को डूबने से बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

नरसिंहपुर में नदियां उफान पर :

नरसिंहपुर जिले में हो रही बारिश से सीतारेवा और शक्कर नदी उफान पर हैं। जिले की तहसील गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, गाडरवारा, करेली, साईखेड़ा, सालीचौका में रात से ही बारिश जारी है। इस बीच यहां शक्कर नदी के पुल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें नदी का जलस्तर पुल के ऊपरी हिस्से तक आ जाने के बाद भी ग्रामीण नदी से मछली और लकडिय़ां पकड़ रहे हैं। जिले की कलेक्टर रिजु बाफना ने बताया है कि बरगी बांध का जलस्तर बढऩे के कारण नर्मदा नदी में भी जलस्तर बढ़ेगा। नदी किनारे रह रहे लोगों को तटों से दूर रहने की हिदायत दी गई है।

जबलपुर क्षेत्र में भी भारी वर्षा :

जबलपुर क्षेत्र में भी भारी वर्षा के कारण बरगी बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, नर्मदा किनारे तभी बाढ़ आती है, जब दोनों बांधों से एक साथ पानी छोड़ा जाता है। तवा बांध एसडीओ एनके सूर्यवंशी ने बताया कि वर्तमान में बांध में 2250000 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है, लगातार इनफ्लो बढऩे के कारण शुक्रवार सुबह से लगातार बांध के गेट खोलकर ऊंचाई ओर गेटों की संख्या बढ़ती चली गई। 15 सितंबर का गवर्निंग लेबल पार हो चुका है। तवा बांध के कैचमेंट एरिया में 17.80 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। बांध का जलस्तर 1166 यानि जलभराव का 100 फीसद लबालब होने के कारण अब बांध में पानी रोकना मुश्किल हो रहा है, इसी वजह से बांध के सभी गेट खोलना पड़ा।

महाकौशल क्षेत्र में भारी वर्षा :

अधिकारियों के अनुसार महाकौशल क्षेत्र में जारी तेज वर्षा के कारण बरगी बांध का जलस्तर 422.85 मीटर है, जो जलभराव से अधिक है। बरगी बांध के कैचमेंट एरिया में पिछले 48 घंटे के भीतर 79 मिमी. वर्षा रिकार्ड की गई है। इस बांध से अभी 7 गेट से 1092 क्यूमेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। शाम 5 बजे 3288 क्यूमेक पानी की निकासी 13 गेट से की जाएगी, इन गेटों को 1.65 मीटर ऊंचाई तक खोला जाएगा। बरगी प्रबंधन ने नर्मदा घाटों से दूर रहने को कहा है।

आगामी 48 घंटे में भारी वर्षा की चेतावनी :

मौसम विभाग की आगामी 48 घंटे में भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए तवा बांध में जल भराव नियंत्रण का पालन किया जा रहा है। निर्धारित जलस्तर 1166 फीट से अधिक पानी तवा बांध में जमा न हो, इसे लेकर शुक्रवार को ही बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया गया। जारी मानसून में तीन दिन पहले तवा बांध लबालब होने के बाद 14 घंटे लगातार बांध के गेट खोले गए थे।

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