सुप्त बद्ध कोणासन, रोज करने से दूर रहेंगी बीमारियां, मिलेंगे कई फायदे

सुप्त बद्ध कोणासन, रोज करने से दूर रहेंगी बीमारियां, मिलेंगे कई फायदे

हर कोई हेल्दी और फिट रहना चाहता है, लेकिन बिजी लाइफस्टाइल के चलते खुद पर ध्‍यान नहीं दे पाता है। इससे मोटापा और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्‍याएं घेरने लगती हैं। ऐसे में रोजाना कुछ योगासनों को अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करना चाहिए। योग तन और मन को दुरुस्‍त रखने के साथ आपको सुंदर भी बनता है। आज हम आपको सुप्त बद्ध कोणासन के बारे में बता रहे हैं। यह आसन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत अच्‍छा होता है। संस्कृत में ‘बद्ध’ का अर्थ है ‘बाध्य’ और ‘कोण’ का ‘कोना’ है। यह शरीर की मसल्‍स को आराम देने वाली खास योग मुद्रा है। यह कूल्हे, कमर व शरीर के कई हिस्सों में मौजूद मसल्‍स को खोलने का काम भी करती है। यह टांगों, पीठ, कमर, पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। इससे कई बीमारियां भी दूर होती हैं।सुप्त बद्ध कोणासन शरीर की मांसपेशियों को आराम देने वाली एक खास योग मुद्रा है, जो कूल्हे व शरीर के कई हिस्सों में मौजूद मांसपेशियों को खोलने का काम भी करती है। अभ्यासकर्ता के अनुभव व शारीरिक क्षमता के अनुसार सुप्त बद्ध कोणासन में कई बदलाव किए जा सकते हैं। अंग्रेजी में इसे “रिक्लाइंड गोड्डेस पोज” के नाम से भी जाना जाता है।

सुप्त बद्ध कोणासन के लाभ:
यदि सुप्त बद्ध कोणासन अभ्यास सही तकनीक के साथ और विशेष सावधानियां बरतते हुए किया जाए तो इससे निम्न स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं…

कूल्हों के जोड़ों को लचीला बनाए सुप्त बद्ध कोणासन: सही तकनीक के साथ सुप्त बद्ध कोणासन अभ्यास करने से कूल्हों की हड्डियों और मांसपेशियों में पर्याप्त रूप से खिंचाव आने लगता है, जिससे जकड़न व ऐंठन जैसी समस्याएं नहीं हो पाती हैं।

सुप्त बद्ध कोणासन लाए जांघों को लचीलापन: सुप्त बद्ध कोणासन का सही तरीके के साथ अभ्यास करना जांघों की मांसपेशियों में भी खिंचाव लाता है, जिससे ये मांसपेशियां सक्रिय रूप से काम करने लग जाती हैं।

थकावट दूर करे सुप्त बद्ध कोणासन: सुप्त बद्ध कोणासन शरीर को पर्याप्त रूप से आराम प्रदान करता है, जिससे थकावट, सुस्ती व तंद्रा जैसी समस्याएं कम हो जाती हैं।

मानसिक शांति प्रदान करे सुप्त बद्ध कोणासन: सुप्त बद्ध कोणासन मानसिक तनाव को दूर करके मन को शांति प्रदान करता है, जिससे चिंता व डिप्रेशन जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।हालांकि, सुप्त बद्ध कोणासन से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ प्रमुख रूप से योगासन के तरीके और अभ्यासकर्ता की स्वास्थ्य स्थिति पर आधारित होते हैं।

सुप्त बद्ध कोणासन का तरीका:

यदि आप पहली बार सुप्त बद्ध कोणासन अभ्यास करने जा रहे हैं, तो आप निम्न तरीके से यह योग मुद्रा बना सकते हैं…

  • सपाट जमीन पर मैट या कंबल बिछा कर उस पर पीठ के बल लेट जाएं
  • अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए ऊपर लाएं और पैरों के तलवे जमीन पर रख लें
  • इसके बाद टांगों को जांघों के जोड़ से मोड़ते हुए घुटनों को बाहरी तरफ ले जाएं
  • ऐसे में आपके पैरों के तलवे आपस में मिल जाएंगे, जिस प्रकार हाथ जोड़ते समय हथेलियां जुड़ जाती हैं।
  • अब सिर को जमीन पर रखे हुए गर्दन व रीढ़ की हड्डी का ऊपरी हिस्सा जमीन से उठाएं
  • अपनी क्षमता के अनुसार यह योग मुद्रा बना कर रखें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं
  • यदि आपको इस योग मुद्रा से संबंधित कोई भी सवाल है, तो आपको किसी अनुभवी योग प्रशिक्षक से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

सुप्त बद्ध कोणासन में सावधानियां:

सुप्त बद्ध कोणासन अभ्यास के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है…

  • योगाभ्यास शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और वार्म अप कर लें
  • गर्दन पर अधिक जोर न डालें और जितना हो सके रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें
  • कोई क्रिया बलपूर्वक न करें
  • किसी भी हलचल के दौरान दर्द या तनाव महसूस होने पर उसे तुरंत रोक दें
  • सुप्त बद्ध कोणासन कब न करें
  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी निम्न समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो सुप्त बद्ध कोणासन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए –

शरीर के किसी हिस्से में दर्द या गंभीर चोट लगना:

  • रक्तचाप कम या ज्यादा होना
  • सांस या हृदय संबंधी रोग
  • मासिक धर्म या गर्भावस्था

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