‘अभी तक सभाओं पर सादी वर्दी में भीड़ बढ़वाती थी पुलिस, अब साधुवाद भी’, 2 निरीक्षकों को बनाया निशाना: कांग्रेसी नेता केके मिश्रा का BJP पर तंज
रीवा शहर में कुछ महीनों पहले तक पुलिस विभाग में पदस्थ रहे दो निरीक्षकों की फोटो पर कांग्रेस के केके मिश्रा (अध्यक्ष, मीडिया विभाग, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी) ने भाजपा पर तंज कसा है। कहा है कि अभी तक भाजपा की चुनावी सभाओं में ही सादी वर्दी में पुलिस भीड़ बढ़वाती थी। अब सादी वर्दी में साधुवाद देने भी जाने लगी है। कांग्रेस नेता द्वारा फोटो के साथ ट्वीट के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। हर कोई निरीक्षकों की फोटो देखकर चुटकी ले रहा है।
पुलिस बन गई आचार्य:
23 सितंबर को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में विंध्य के आचार्यगणों का CM शिवराज सिंह चौहान ने सम्मान किया। उन्होंने रीवा में रामानुजाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की बात कही। कहा कि संस्कृत विद्यालयों में कर्मकाण्ड की शिक्षा दी जाएगी। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने विंध्य क्षेत्र के आचार्यों को संबोधित किया। उस दिन पुलिस भी आचार्य बन कर पहुंच गई।
एक पुलिस लाइन तो दूसरे सिंगरौली में पदस्थ:
मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में साधुवाद देने वालों में ड्रेस न पहने हुए रीवा में पदस्थ दो टीआई शामिल थे। एक का नाम हितेंद्रनाथ शर्मा और दूसरे का नाम विद्यावारिध तिवारी है। हितेंद्रनाथ शर्मा रीवा पुलिस लाइन में पदस्थ है। वहीं विद्यावारिध तिवारी का सिंगरौली स्थानांतरण हो चुका है। तिवारी ने भगवा वस्त्र तो शर्मा ने पीला कुर्ता व पायजामा पहना था। दोनों पुलिस की नौकरी के साथ-साथ भजन भक्ति में लीन रहते है। दोनों सतना जिला के रहने वाले है। एक साथ लोकायुक्त पुलिस में सेवाएं दे चुके है।
पढ़े केके मिश्रा का ट्वीट:
भाजपा और CM की अब यह स्थिति हो गई है कि मुख्यमंत्री द्वारा रीवा को संस्कृत विश्वविद्यालय की सौगात देने के लिए (23 सितंबर) भोपाल में रीवा के साधु संत, समाज के वरिष्ठ जनों एवं गणमान्यों ने मुख्यमंत्री को साधुवाद एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। साधुवाद देने वालों में ड्रेस न पहने हुए वहां पदस्थ दो टीआई हितेंद्रनाथ शर्मा और टीआई विद्यावारिध तिवारी भी थे। अभी तक सभाओं में ही सादी वर्दी में भीड़ बढ़वाती थी पुलिस,अब सादी वर्दी में साधुवाद भी?
क्या है पूरा मामला:
दरअसल रीवा विधानसभा से चार बार के विधायक व जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल अचार संहिता से पहले लक्ष्मण बाग संस्थान को संस्कृत विश्वविद्यालय की सौगात दिलाना चाहते है। सीएम के आश्वासन के बाद जल्द से जल्द विश्वविद्यालय का शुभारंभ कराना चाहते है। ऐसे में जगदगुरू वैदेही वल्लभ देवाचार्य, मानस पीठाधीश्वर जगदगुरू रामललाचार्य और विनय शंकर ब्रह्मचारी के साथ आधा सैकड़ा संत महात्माओं को लेकर भोपाल पहुंच गए। उन्हीं संतों व आचार्य गणों के बीच दो निरीक्षक भी उपस्थित रहे।