शी जिनपिंग को ‘तानाशाह’ बताने पर चीनी विदेश मंत्रालय ने जताया विरोध, कहा- जर्मनी की उकसावे वाली कार्रवाई

शी जिनपिंग को ‘तानाशाह’ बताने पर चीनी विदेश मंत्रालय ने जताया विरोध, कहा- जर्मनी की उकसावे वाली कार्रवाई

चीन ने सोमवार को जर्मनी के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया। दरअसल, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह कहा था।

चीन ने सोमवार को जर्मनी के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया। दरअसल, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह कहा था।

बेयरबॉक ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, अगर (रूसी राष्ट्रपति) व्लादिमीर पुतिन इस युद्ध को जीतते हैं, तो यह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे दुनिया के अन्य तानाशाहों के लिए क्या संकेत होगा? यूक्रेन को इस युद्ध को जीतना होगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने बेयरबॉक की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह टिप्पणी खुले तौर पर राजनीतिक उकसावे वाली कार्रवाई है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने जर्मन मंत्री की टिप्पणियों पर एक मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘हम जर्मन पक्ष की टिप्पणियों की निंदा करते हैं और उन्हें खारिज करते हैं, जो निरर्थक और बेहद गैर जिम्मेदाराना हैं।’

माओ निंग ने कहा कि यह टिप्पणी तथ्यों के विपरीत और राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। चीन ने जर्मनी के समक्ष कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया है। इस साल की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी शी को तानाशाह कहा था।

शी (70 वर्षीय) राष्ट्रपति पद के अलावा सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और सेना के प्रमुख भी हैं, जिससे उन्हें माओत्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली चीनी नेता का तमगा मिला है। बेयरबॉक की यह टिप्पणी चीन और यूरोपीय संघ के साथ-साथ जर्मनी के बीच संबंधों में लगातार गिरावट की पृष्ठभूमि में आई है।

हाल ही में यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यूरोपीय संघ के कार्यकारी चीनी इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी की जांच शुरू करेंगे। पिछली जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के लंबे कार्यकाल के दौरान से चीन-जर्मन संबंधों में लगातार गिरावट देखी गई, खासकर यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के चीन के समर्थन के कारण।

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