रीवा की धरती उगलेगी हीरा, जमींन के नीचे है अकूत भंडार, पढ़िए कब से शुरू हो रही खदान


रीवा की धरती उगलेगी हीरा, जमींन के नीचे है अकूत भंडार, पढ़िए कब से शुरू हो रही खदान

मध्य प्रदेश का पन्ना ही अब तक हीरो के लिए प्रसिद्ध स्थान रहा है। परन्तु अब रीवा और मऊगंज की धरती भी उगलेगी हीरा। क्युकी धरती के नीचे अकूत भंडार मिला है। जिसका मतलब है कि विश्व पटल पर अब हीरों से चमकेगा रीवा और मऊगंज।

रीवा: गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सीएल (कम्पोजिट लाइसेंस) के लिए निविदा बुलाई है। निविदा फाइनल होते ही हीरा की खुदाई शुरू हो जाएगी। अब रीवा और मऊगंज मालामाल होंगे। देश व विश्व में नाम कमाएंगे, एक अलग पहचान बनायेगे। रीवा और मऊगंज की धरती भी अब हीरों से चमकेगी। नया जिला मऊगंज को भी हीरों की सौगात मिलने जा रही है।

आपको बता दें कि राज्य शासन ने विगत दिनों कई खनिज ब्लाकों की नीलामी के लिए एनआईटी जारी किया है। जिसमे विंध्य क्षेत्र के रीवा और मऊगंज में हीरे की खदानों के लिए ब्लॉक चिन्हित किए गए है। साथ ही सिंगरौली में सोने के लिए खदान आवंटित होंगे।

सर्वे किया जा चुका है :
निविदा की प्रक्रिया शुरू…

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार पूर्व में रीवा जिले में बृहद एरिया में कई मल्टीनेशनल एक्सपर्ट कंपनियों द्वारा डायमंड सर्वे का काम किया गया था। सर्वे में इन कंपनियों द्वारा रीवा जिले के सोहागी पहाड़ में 460 हेक्टेयर क्षेत्र में और मऊगंज जिले के लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र में हीरा खनिज मिलने के प्रमाण मिलने की रिपोर्ट शासन को सौंपी गयी थी। राज्य शासन ने अब परीक्षण के बाद समेकित अनुज्ञप्ति (सी एल) के लिए नीलामी सूचना प्रकाशित की है। कंपनियां 9 अगस्त 2023 तक ई ऑक्शन में भाग ले सकती है। नियमनुसार जिस कंपनी ने अधिक निविदा डाली, उसे ही हीरा निकालने का अवसर मिलेगा।

कहा कहा निकलेगा हीरा :
>रीवा की बात करें तो जिले में सोहागी, मझिगवां और पुर्वा क्षेत्र में हीरा मिलने की संभावना जताई गयी है। इसका क्षेत्रफल करीब 460 हेक्टेयर (लगभग 1136 एकड़) है। इस नीलामी में देशभर से बड़ी कंपनियां हिस्सा लेंगी। संभावना है कि रीवा में एक बड़ा इन्वेस्टमेंट होगा जो दोनों जिलों की तस्वीर बदल कर रख देगा।

>आपको बता दें कि मऊगंज क्षेत्र में करीब 7 गांवों… सीतापुर, आध सरई, गढ़वा, हिनोती, दीपाबरोडी, खाड़ी, मलकपुर को चिन्हांकित किया गया है। इन क्षेत्रों में हीरा की चट्टानों के मिलने के काफी आसार हैं। लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र (लगभग 247 एकड़) में डायमंड मिलने के आसार है।

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