मप्र: शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार फिलहाल टला, क्या है संभावित कारण?


मप्र: शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार फिलहाल टला, क्या है संभावित कारण

भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार का कैबिनेट विस्तार फिलहाल टल गया है। मुख्यमंत्री आवास में बुधवार देर रात हुई बैठक में रीवा MLA राजेंद्र शुक्ला एवं बालाघाट MLA गौरीशंकर बिसेन को कैबिनेट में सम्मिलित करने पर सहमति बन गई।
बाकी के दो विधायकों के नाम पर राय नहीं बन सकी। कैबिनेट में लोधी वर्ग के प्रतिनिधि को जगह दी जानी है। दलित या आदिवासी वर्ग से भी एक मंत्री बनाने पर मंथन चल रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बृहस्पतिवार प्रातः केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच लगभग आधा घंटा बैठक चली। नामों पर सहमति बनती है तो कैबिनेट के शपथ ग्रहण की तारीख और वक़्त तय हो जाएगा। कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच बुधवार शाम राजेंद्र शुक्ला भोपाल पहुंचे। राहुल लोधी भी देर रात समर्थकों के साथ भोपाल पहुंच गए हैं। राहुल लोधी पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे हैं।

MP मंत्रिमंडल के विस्तार पर असमंजस बरकरार है:
सीएम शिवराज भोपाल से बाहर रवाना हो गए हैं. वो शुक्रवार दोपहर तक भोपाल लौटेंगे. उम्मीद है कि मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार दोपहर बाद हो।
मंत्रिमंडल विस्तार के पहले ही शुरू हुए विरोध के शुर जिसके चलते फिलहाल टला मंत्रिमंडल का विस्तार, पहले बुधवार की शाम फिर गुरुवार को 11 बजे अब अनिश्चित काल के लिए रुका मंत्रीमंडल का विस्तार, फिलहाल कुछ विधायको को भोपाल मुख्यालय में ही रुके रहने के निर्देश।

कैबिनेट के लिए इनके नाम तय:-
राजेंद्र शुक्ला:-
रीवा सीट से 4 बार के विधायक हैं। पहले भी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
विंध्य अंचल में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं। 2003 में पहली बार विधायक बने। निरंतर जीतते आ रहे हैं।
2018 के चुनाव में BJP को विंध्य में बड़ी सफलता मिली थी। रीवा जिले की सभी 8 सीट भाजपा जीती थी।

गौरीशंकर बिसेन:-
बालाघाट से 7वीं बार के भाजपा हैं। छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे। 1985, 1990, 1993, 2003 में MLA बने।
2008 में 13वीं विधानसभा के सदस्य बने। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, सहकारिता मंत्री रहे।
2013 में 14वीं विधानसभा में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के मंत्री बनाए गए।
विधानसभा की कई समितियों के सदस्य और सभापति भी रह चुके हैं। 1998, 2004 में लोकसभा के सदस्य चुने गए।
25 दिसंबर 2000 से BJP किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी रहे।
मध्यप्रदेश बीजेपी के 3 बार उपाध्यक्ष रहे।

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