क्या हल्दीराम बिकने वाला है? खबर है कि टाटा ग्रुप इसे खरीद सकता है, जानिये इस खबर में क्या है मामला

  • 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की है खबर
  • भारत के 6.3 अरब डॉलर के नमकीन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी करीब 13 प्रतिशत है

सालों के भरोसे के बाद आज ये भारत में स्नैक्स के सबसे बड़े ब्रांड में से एक बन चुका है. खबर है कि इतने भरोसेमंद ब्रांड को अब टाटा ग्रुप खरीद सकता है, लेकिन क्या ये पूरा सच है?

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार दावा किया गया है टाटा ग्रुप स्नैक्स ब्रांड हल्दीराम में 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने की योजना पर काम कर रहा है. अगर ये डील पूरी होती है तो रिटेल मार्केट में टाटा ग्रुप की टक्कर सीधे रिलायंस रिटेल और पेप्सी जैसी बड़ी कंपनियों से होगी. हालांकि टाटा हल्दीराम की वैल्यूएशन से खुश नहीं है. हालांकि टाटा ग्रुप की ओर से इसका खंडन कर दिया गया है.

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शादी, पार्टी, अवसर के दौरान टेबल पर परोसा जाने वाला ‘नमकीन’ को या दोस्तों की नाइट पार्टी में खाया जाने वाला ‘स्नैक’, इन दोनों ही जगह एक ब्रांड का नाम सबसे ज्यादा लोगों की जुबान पर रहता है, वो है ‘हल्दीराम’. पर खबर है कि अब टाटा इसके 51 फीसदी शेयर खरीदने की तैयारी में है।

10 अरब डॉलर का वैल्यूएशन :

सूत्रों के हवाले से खबर है कि टाटा ग्रुप हल्दीराम ब्रांड की 10 अरब डॉलर की वैल्यूएशन से खुश नहीं है. वहीं दूसरी ओर हल्दीराम एक और निवेशक के साथ 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को लेकर बातचीत कर रही है. ये एक प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल है.

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टाटा ग्रुप की टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स कंपनी हल्दीराम के अधिग्रहण को लेकर बातचीत कर रही है. टाटा ग्रुप की इसी कंपनी के पास ब्रिटेन के पॉपुलर टी-ब्रांड टेटली का मालिकाना हक है. वहीं भारत में स्टाबक्स का बिजनेस भी यही कंपनी देखती है. टाटा ग्रुप का कहना है कि हल्दीराम का सालाना टर्नओवर 1.5 अरब डॉलर है. ऐसे में 10 अरब डॉलर का वैल्यूएशन थोड़ा अजीब है.

चढ़ गए टाटा कंज्यूमर के शेयर्स :

इस खबर के ब्रेक होने के बाद टाटा कंज्यूमर के शेयर प्राइस में 3 प्रतिशत तक की बढ़त देखी गई है. टाटा ग्रुप हल्दीराम में पूरे 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने का इच्छुक है. ताकि कंपनी के पास डिसाइसिव पावर्स हों.

इस बारे में टाटा कंज्यूमर के प्रवक्ता ने पहले कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया. बाद में शेयर बाजारों के जानकारी मांगने पर कंपनी ने इस तरह की किसी भी बातचीत के बारे में सिरे से नकार दिया है. हल्दीराम के सीईओ कृष्ण कुमार चुटानी और प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल ने भी कुछ कहने से मना कर दिया है.

1937 से मार्केट में दबदबा :

हल्दीराम की शुरुआत 1937 में हुई थी. कंपनी की क्रिस्पी भुजिया ने लोगों का दिल जीत लिया था. हल्दीराम ब्रांड एक फैमली रन बिजनेस है. देशभर में पान की दुकान पर 5 रुपये के सेलिंग पैकेट से लेकर ये बड़े-बड़े स्टोर्स मे मौजूद है.

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