Period mood swings: पीरियड्स में होने वाले मूड स्विंग्स को मैनेज करने में ये टिप्स साबित हो सकते हैं मददगार

Period mood swings: पीरियड्स में होने वाले मूड स्विंग्स को मैनेज करने में ये टिप्स साबित हो सकते हैं मददगार

Period mood swings पीरियड्स के दौरान मन अजीब से होता रहता है। एक पल में मूड अच्छा रहता है तो दूसरे ही पल खराब। दिनभर अकेले पड़े रहना किसी से बात न करना अनहेल्दी चीज़ों से पेट भरना ऐसा ज्यादातर महिलाओं के साथ होता है। अगर आप भी हर महीने करती हैं इस सिचुएशन का सामना तो आज हम पीरियड्स के दौरान कैसे करें मूड स्विंग्स को मैनेज जानेंगे।

पीरियड्स ज्यादातर महिलाओं के लिए महीने के ऐसे दिन होते हैं जिनके बारे में सोचकर ही घबराहट होने लगती है क्योंकि इस दौरान उन्हें पेट दर्द, ब्लोटिंग, वॉमिटिंग, बहुत ज्यादा ब्लीडिंग और मूड स्विंग्स जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स में होने वाले दर्द के लिए प्रोस्टाग्लैडिन नामक हॉर्मोन जिम्मेदार होता है और ये दर्द इतना भयंकर होता है कि इससे रूटीन और मूड दोनों पर असर पड़ता है। अगर आप भी उनमें से एक हैं, जो पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स से परेशान रहती हैं, तो कुछ आसान उपायों से इस किया जा सकता है आसानी से मैनेज।

एक्सरसाइज:
पीरियड्स के दौरान होने वाले मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज करने का वक्त निकालें। लेकिन ये सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही न करें। एक्सरसाइज आपको फिजिकली हेल्दी रखने के साथ ही मेंटली हेल्दी भी रखती है। रोजाना वर्कआउट करते रहने से पीरियड्स के दौरान वाले पेट दर्द से भी बचा जा सकता है। हां, हैवी वर्कआउट इस दौरान। करना अवॉयड करें। लाइट एक्सरसाइज करें जिसमें योग है बेहतरीन ऑप्शन।

हाइजीन:
पीरियड्स के दौरान होने वाले मूड स्विंग्स से बचने और उसे मैनेज करने के लिए हाइजीन पर भी फोकस करना बहुत जरूरी है। समय-समय पर सैनिटरी पैड, मेंस्ट्रुअल कप या टैम्पून चेंज करती रहें। इस दौरान साफ-सफाई बरकरार रखने के लिए वेजाइनल वाश का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

डाइट:
कहा भी गया है जैसा अन्न, वैसा मन, यानी आप जैसा खाएंगे वैसा ही मन रहेगा। इसलिए बेहतर होगा कि आप इस दौरान हेल्दी और लाइट खाने पर ध्यान दें। भोजन में हरी सब्जियों और सीज़नल फ्रूट्स के ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। फलों को साबुत खाने के अलावा जूस, सलाद, स्मूदी के रूप में भी इन्हें लेना फायदेमंद होता है। साथ ही साथ न्यूट्रिशन पर भी ध्यान दें। फाइबर युक्त चीज़ों को भोजन में शामिल करें।

(Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *