
- जिस नहर से पीबीटी टैंक में पानी सप्लाई होगा उसकी स्थिति भगवान भरोसे
- घटिया गुणवत्ताविहीन नहरों के निर्माण ने किसानों की आय दुगुनी करने पर खड़ा किया बड़ा सवाल
- बहुती नहर की स्थिति दुर्दशापूर्ण
- पीबीटी टैंक में पानी सप्लाई किए जाने पर असमंजस बरकरार
- नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन का काम अधर में
- किसानों की आय दुगुनी नहीं पाई लेकिन ठेकेदारों और भ्रष्ट कमीशनखोर अधिकारियों की आय बढ़ रही कई गुना

रीवा(नईगढ़ी): माइक्रो इरिगेशन का कार्य अधर में लटकता नजर आ रहा है। हालत यह हैं की जिस बहुती नहर से रघुराजगढ़ स्थित पीबीटी टैंक से प्रेशर तकनीक से पानी सप्लाई किया जाना है वह स्वयं ही संदेह के घेरे में है। यदि यही स्थिति रही तो किसानों की आय निकट भविष्य में तो दुगुनी नहीं हो पाएगी। अब यदि आय दुगुनी नहीं हो पाई तो सत्ताधारी पार्टी के लिए मुश्किलों का दौर प्रारम्भ हो जायेगा। क्योंकि पिछले अपने रीवा दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो फसलों का उत्पादन 25 से 30 गुना तक बता दिया था।

ताज्जुब की बात तो यह है की जिस बहुती कैनाल के दम पर रघुराजगढ़ पीबीटी टैंक का निर्माण कार्य कराया जा रहा है और जिसके बलबूते टरबाइन के माध्यम से तमरी और ढेरा में तकरीबन 72 मीटर को ऊंचाई पर पानी लिफ्ट किए जाने के सपने किसानों को दिखाए जा रहे हैं वह पीबीटी टैंक की टेस्टिंग कब और कैसे हो पाएगी यह प्रश्न के दायरे में है। कारण साफ है की जब बहुती कैनाल में टेस्टिंग के लिए पर्याप्त पानी नहीं पहुंचेगा तो पानी लिफ्ट कैसे करेगा। गौरतलब है की पीबीटी टैंक के पास की बहुती नहर भी कई स्थानों में मानक अनुरूप न बनाए जाने के चलते क्षतिग्रस्त हो गई है।


जहां तक सवाल नहर के रख रखाव का है तो यहां स्पष्ट करना उचित है की नहर का रख रखाव बिलकुल ही नही किया जा रहा है। जिसका खामियाजा नहर में घास फूस उगना और ज्वाइंट के बीच में स्पेस डेवलप होने से नहर क्षतिग्रस्त होना देखा गया है। नहर में अमानक गुणवत्ताविहीन सामग्री उपयोग में लिए जाने से नहर कई स्थानों पर धस गई है। नहर ने दोनो दीवालों में वेजीटेशन होने से नहर की भविष्य में और अधिक क्षतिग्रस्त होने की संभावना प्रबल हो गई है।

अब बड़ा सवाल तो यही है की किसान का क्या होगा? कब होगी किसान को से दुगुनी? जबकि देखा जाय तो आए दिन लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के छापों और कार्यवाहियों से तो यही पता चल रहा है की ठेकेदारों और कमीशनखोर अधिकारियों की आय तो कई गुना बढ़ रही है।