सावन का आखिरी सोमवार और प्रदोष व्रत आज, बन रहे 5 अति दुर्लभ शुभ संयोग, पढ़िए महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

सावन का आखिरी सोमवार और प्रदोष व्रत आज, बन रहे 5 अति दुर्लभ शुभ संयोग, पढ़िए महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

सावन माह 31 अगस्त दिन गुरुवार को समाप्त होगा। अधिक मास होने के कारण इस बार सावन दो माह का था, इसलिए इस माह में 8 सोमवार का संयोग भी बना था। वहीं सावन का आठवां और आखिरी सोमवार आज यानी 28 अगस्त 2023 को है। 31 अगस्त 2023 को सावन का सावन का महीना खत्म होगा और भाद्रपद माह शुरू होगा।

आज सावन या श्रावण मॉस का आखिरी सोमवार है और साथ ही साथ प्रदोष व्रत भी। इसलिए इस सोमवार का महत्व और भी बढ़ जाता है। आपको बात दें कि यह एक दुर्लभ संयोग हैं।

चलिए इस लेख में आपको बताते है कि इस खास दिन का महत्व और बहुत कुछ…

पंचांग के अनुसार आज यानि 28 अगस्त को सावन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। सावन सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं। इस​ दिन व्रत व पूजा करने से जातकों के सभी दुख दूर होते हैं और भोलेनाथ अपनी कृपा सभी भक्तो पर बरसाते हैं।

बन रहे हैं कई शुभ संयोग :
पंचांग के अनुसार सावन का आखिरी सोमवार व्रत और आखिरी प्रदोष व्रत बेहद ही खास है। इस दिन कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं और यदि इन मुहूर्त में भोलेनाथ का पूजन किया जाए तो व्यक्ति को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज यानि 28 अगस्त को सुबह 9 बजकर 56 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा। फिर सुबह 9 बजकर 56 मिनट से पूरी रात सौभाग्य योग रहेगा। इसके अलावा मध्यरात्रि 2 बजकर 43 मिनट से लेकर अगले दिन 29 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। कहते हैं कि अगर शुभ मुहूर्त में कोई पूजा पाठ किया जाए तो वह शुभ फल प्रदान करता है।

सोम प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त :
सावन सोमवार व्रत के दिन सुबह के समय भोलेनाथ को रुद्राभिषेक किया जाता है। वहीं प्रदोष व्रत में शाम के समय प्रदोष काल में भोलेनाथ का पूजन करना शुभ माना गया है। आज प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 48 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि :
आज सावन के महीने में आने वाला आखिरी प्रदोष व्रत है और इस दिन महिलाएं सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना से व्रत करती हैं और शाम के समय यानि प्रदोष काल में भोलेनाथ का विधि-विधान से पूजन करती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष काल में भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और इस दिन यदि उनका पूजन किया जाए तो वह अपने भक्तों को निराश नहीं करते। सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में भगवान शिव समेत पूरे शिव परिवार का पूजन करना शुभ होता है। प्रदोष काल में भोलेनाथ का गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद उन्हें भांग, बेलपत्र, धतूरा और आंकड़े का फूल अर्पित करना चाहिए. फिर घी का दीपक जलाएं और भोग लगाएं।

सावन के अंतिम सोमवार व्रत पर बन रहे ये 5 शुभ संयोग :

  • आयुष्मान योग: प्रात:काल से लेकर सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक
  • सौभाग्य योग: सुबह 08 बजकर 27 मिनट से सायं 05 बजकर 51 मिनट से पूरी रात तक
  • सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग: मध्यरात्रि 01 बजकर 1 मिनट से
  • रवि योग: मध्यरात्रि 01 बजकर 1 मिनट से
  • सावन सोमवार का संयोग: सावन प्रदोष के दिन सावन का आखिरी सोमवार व्रत का संयोग बन रहा है

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