मप्र: भाजपा मप्र में मोदी को बना रही चेहरा, इस सांग के जरिये वोट साधने का है इरादा

मप्र: भाजपा मप्र में मोदी को बना रही चेहरा, इस सांग के जरिये वोट साधने का है इरादा

गौरतलब है कि मप्र में चुनावी वर्ष है और ऐसे में हर दल अपने अपने तरीके से वोट साधने और सत्ता के और करीब आने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी तारतम्य में मप्र बीजेपी ने मोदी को चेहरा बनाने की ठान ली है और एक सांग को प्रोमोट कर रही है।

  • एमपी में पीएम मोदी होंगे चेहरा
  • महाकाल भक्त मोदी ‘एमपी के मन में मोदी’ सॉन्ग के जरिए माहौल बनाने में जुटी BJP

मप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा कौन इसे लेकर बना सस्पेंस अब खत्म हो गया है। पार्टी ने तय किया है कि इन चुनावों में पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे मैदान में उतरेगी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इंदौर में हुई रैली के जरिए इसके संकेत भी दे दिए हैं। आपको बता दें कि शाह ने दिग्गज भाजपा नेताओं की मौजूदगी में कार्यकर्ता को सबसे महत्त्वपूर्ण बताया और चेहरे की बजाए कार्यकर्ताओं के भरोसे चुनाव मैदान में उतरने पर पूरा जोर दिया है।

इसी बीच पार्टी ने चुनाव में मोदी के नाम को भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है। ‘मोदी के मन में बसे एमपी, एमपी के मन में मोदी’…थीम पर कई ऑडियो और वीडियो गीत बनकर तैयार किए गए है। इन गानों में उनका पूरा मध्य प्रदेश कनेक्शन बताया गया है। यही नहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं को शामिल कर उनके चेहरे को ही तवज्जो दी गई है। चुनाव से पहले इन गानों के जरिए यह बताया जाएगा कि, पीएम नरेंद्र मोदी का मध्यप्रदेश से क्या नाता रहा है। पीएम का एमपी के शहरों और गांवों से कितना पुराना रिश्ता है। इसलिए उन्हें प्रदेश की ज्यादा चिंता है। पार्टी आने वाले दिनों में इसे लांच करेगी।

चुनावी थीम सांग का आधार :

  • महाकाल लोक का लोकार्पण भोले बाबा के मन भाया, मोदी जैसा भक्त है आया। इसमें मोदी को महाकाल का भक्त बताते हुए महाकाल लोक के लोकार्पण के वीडियो दिखाए गए हैं।
  • जनजाति मुख्य धारा में, घर-घर राशन…यह गाना विशेष तौर पर जनजाति क्षेत्रों के लिए तैयार किया गया है। इसमें मजदूरों और किसानों का फोकस रखा गया है।
  • युवा को नॉलेज, नए मेडिकल कॉलेज गाने की थीम है…इसमें बताया गया है कि प्रदेश में कैसे कॉलेज और शिक्षा के क्षेत्र में विकास हुआ है।

माना जा रहा है इन विधानसभा चुनावों का सीधा असर लोकसभा चुनावों पर भी पड़ना तय है। इसलिए पीएम मोदी और अमित शाह को एमपी के मैदान में उतरना पड़ रहा है। हिंदी पट्टी के मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनावों में भाजपा के लिए सबसे अहम मध्य प्रदेश ही है। प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी थी। परन्तु कमलनाथ सरकार महज 15 महीने ही सत्ता में रह सकी और फिर बीजेपी सत्ता में काबिज हो गयी। कुल मिलाकर बीते 17 साल से भाजपा काबिज है। यदि यहां भाजपा को झटका लगता है तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव तक बना रहेगा। यही वजह है कि भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस मध्यप्रदेश पर है। चुनाव में चेहरा पीएम मोदी ही होंगे लेकिन इसकी कोई आधिकारिक घोषणा समय आने पर होगी।

मोदी के सहारे चुनावी फायदे की उम्मीद :
मध्य प्रदेश में 17 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। ऐसे में भाजपा और सरकार के लिए इन दिनों जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर देखने को मिल रही है। बीते दिनों आई कुछ सर्वे रिपोर्ट में भी पार्टी को खराब ‘रेस्पांस’ मिल रहा है। इसी को देखते हुए अब पार्टी पुराने चेहरों को आगे रखने के बजाए पीएम मोदी के चेहरे को सामने ला रही है। ताकि सत्ता विरोध लहर और लोगों की नाराजगी का असर थोड़ा कम हो।

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