- मप्र चुनाव 2023: चुनावी रण से पहले राज. दलों ने शुरू की चुनावी रश्में, याद आये जमीनी कार्यकर्ता
मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव होना है। प्रशासन से लेकर राजनीतिक दल चुनावी जमावट में जुटे हुए है। प्रदेश में लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले हो रहे है। कई विभागों में कर्मचारी स्तर पर भी ट्रांसफर चालू हो रहे है। मलाईदार विभाग भी कार्यों को गति के साथ कर बिलिंग प्रॉसेस पूरी करने में जुटे है।
कार्यकर्ता ही आन, बान, शान है और मौजूदा वक्त में राजनितिक दलों और नेताओ की जान है…और कम से कम विधानसभा चुनाव तक तो ऐसा ही रहने वाला है। क्युकी उन्ही के दम पर लड़ा जाएगा चुनाव और पहना जाएगा बादशाहत का सत्ता रूपी ताज। तभी तो फिर अगले पांच साल मिलेगी खाने को सत्ता की मलाई रूपी चासनी। हलाकि तब कार्यकर्ता उस चासनी से माछी की मानिंद निकल कर फेक दिए जाते है।
राजनीतिक दल विभिन्न कमेटियों का गठन कर चुनाव प्रबंधन शुरू कर चुके है। अब वो समय आ गया है जब सभी राजनितिक दल कार्यकर्ताओ को तरजीह देना शुरू कर चुके है।
बूथ मैनजमेंट में दोनों दलों के साथ जिला प्रशासन भी मतदाताओं में जागरूकता लाने और अधिक से अधिक मतदान के लिए नए वोटरों को जोड़ने में जुट गया है। मतदाता सूचि से लेकर चुनाव व्यवस्था तक की सारी बातो पर सूक्ष्मता से ध्यान दिया जा रहा है। बैठके आयोजित हो रही है।
चुनावी रस्म अदायगी के तहत प्रमुख दल पुराने कार्यकर्ताओं की खैर ख़बर ले रहे है। वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने भी अब मंचों पर “मैं” का राग देना बंद कर “हमें” का उपयोग शुरू कर दिया है। कमर झुका कर जनता से मुस्कराहट के साथ मिलना शुरू दिया है। कार्यकर्ताओ को बैठकों में बुलाकार जलपान आदि के द्वारा उनका खूब आवभगत और सत्कार किया जा रहा है। बड़े राजनितिक दल तो कार्यकर्ताओ को विभिन्न प्रकार के उपहार भी दे रहे है।