आखिर पृथ्वी के गर्भ तक क्यों पहुंचना चाहता है ड्रैगन? चीन कर रहा पृथ्वी को 10 किलोमीटर तक भेदने का काम

  • आखिर पृथ्वी के गर्भ तक क्यों पहुंचना चाहता है ड्रैगन?
  • चीन कर रहा पृथ्वी को 10 किलोमीटर तक भेदने का काम

पड़ोसी देशों और धरती के दूसरे हिस्से में मौजूद समुद्र को हड़पने की कोशिश में लगे चीन ने अब धरती के अंदर मौजूद प्राकृतिक संसाधनों की लूट की भी तैयारी शुरू कर दी है।

चीन हर प्राकृतिक संसाधन को लूटने में लगा हुआ है और इसके लिए अब उसने धरती के गर्भ तक पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी है।

चीन ने प्राकृतिक गैस के अत्यधिक गहरे भंडार की तलाश में इस साल दूसरी बार जमीन में 10,000 मीटर यानि 10 किलोमीटर का छेद करना शुरू कर दिया है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने गुरुवार को सिचुआन प्रांत में शेंडी चुआंके 1 कुएं की ड्रिलिंग शुरू कर दी है।

धरती को छेद रहा है चीन:

सूत्रों से प्राप्त जानकारी मुताबिक इस छेद की गहराई 10,520 मीटर (6.5 मील) है। यह प्रोजेक्ट उसी कुएं की खुदाई के समान है, जिसे सीएनपीसी ने मई में शिनजियांग प्रांत में भी खोदने की कोशिश की थी, जिसे उस समय चीन में अब तक का सबसे गहरा कुएं के रूप में वर्णित किया गया था।

चीन का धरती के अंदर हजारों मीटर तक छेद करने का ये दूसरा प्रोजेक्ट है।

शिन्हुआ के अनुसार, पहले वाले कुएं को छेदने के काम के पीछे प्रकृति को लेकर रिसर्च करना था और वो एक एक्सपेरिमेंट था, लेकिन अब की ड्रिलिंग, हाई टेक टेक्नोलॉजी का परीक्षण करने और पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी हासिल करने के लिए डिजाइन की गई परियोजना है, जिसके जरिए सिचुआन उपक्रम प्राकृतिक गैस के अति-गहरे भंडार को खोजने की कोशिश करना है।

सिचुआन, चीन का दक्षिणपूर्वी प्रांत है, जो मसालेदार भोजन, शानदार पहाड़ी दृश्यों और पांडा के लिए जाना जाता है, और ये चीन के कुछ सबसे बड़े शेल गैस भंडार का भी घर है। हालांकि, कठिन इलाके और जटिल भूमिगत भूविज्ञान के कारण, देश की सरकारी स्वामित्व वाली तेल दिग्गज कंपनियों को अपनी क्षमता का दोहन करने में सीमित सफलता मिली है।

चीन की सरकार ने हाल के वर्षों में बिजली की कमी, भूराजनीतिक संघर्ष और वैश्विक ऊर्जा मूल्य अस्थिरता के बीच घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर, ईंधन सुरक्षा बढ़ाने के लिए ऊर्जा कंपनियों पर दबाव डाला है। लिहाजा, चीन की सरकारी कंपनियों की कोशिश है, कि धरती के अंदर प्राकृतिक गैस, चाहे वो कितनी भी किलोमीटर के अंदर क्यों ना मौजूद हों, उन्हें बाहर निकाला जाएगा। इसीलिए, चीन ने अपने इस प्रोजेक्ट के तहत 10 किलोमीटर का कुंआ खोदना शुरू किया है।

बोरहोल की डिजाइन गहराई 10,520 मीटर है, और यह इस क्षेत्र का पहला 10,000 मीटर-बोरहोल है। इस प्रोजेक्ट के संचालक, चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CNPC) के डिप्टी जनरल इंजीनियर चेन लिली ने कहा, कि ये ड्रिलिंग काफी ज्यादा कठिन है और धरती के अंदर 224 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान है, वहीं, 138 मेगापास्कल के अति उच्च दबाव का सामना भी करना पड़ रहा है।

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