
सफलता की कहानी
अरहर का उत्पादन कर दिलबहोर हुये खुशहाल

रीवा . दिलबहोर ने कभी नहीं सोचा था कि खेती में उन्नत कृषि तकनीक एवं मशीनों के उपयोग से उनका जीवन खुशहाल हो जायेगा। सिरमौर के ग्राम खड्डा के दिलबहोर 5 एकड़ खेती की जमीन के मालिक है। उन्होंने बताया कि खेती में सिचाई के पर्याप्त साधन होते हुये भी मैं फसल का भरपूर उत्पादन नहीं कर पाता था। पारंपरिक रूप से खेती करने और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने के पश्चात भी उत्पादन नहीं हो पाता था। पर्याप्त उत्पादन न होने के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इस संबंध में कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा करने पर उन्होंने अन्तवर्ती फसल बोने एवं खेती में मशीनों का उपयोग करने की सलाह दी।
दिलबहोर ने बताया कि मैंने अपने 5 एकड़ जमीन में से 3 एकड़ में केवल अरहर की बोनी की तथा खेतों को ट्रेक्टर से भूमि का समतलीकरण किया और उन्नत बीज की बोनी की शेष 2 एकड़ भूमि में ध्यान एवं गेंहू की बोनी की। उन्नत तकनीक से बोनी करने और खेती में मशीनों का उपयोग करने के कारण अरहर का बम्पर उत्पादन हुआ। धान एवं गेंहू का भी भरपूर उत्पादन हुआ।
दिलबहोर ने बताया कि खेती में उन्नत तकनीक एवं यंत्रीकरण का आशातीत लाभ हुआ। अरहर को बाजार में बेचने से 8 लाख रूपये की आय हुई। मेरे लिये खेती लाभ का धंधा साबित हुई।
खेती से मेरे जीवन में खुशहाली आयी है।