Milkshake vs Juice Which Is Healthier: मिल्कशेक और जूस, पीने से ताजगी महसूस होती है। लेकिन ज्यादा हेल्दी क्या है?

Milkshake vs Juice: मौसम में धीरे-धीरे गर्मी बढ़ रही है और हम भी समर्स की ओर बढ़ने लगे हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, लोग पेय पदार्थ का ज्यादा सेवन करेंगे। दो मुख्य पेय पदार्थ की बात करें, तो लोग जूस और मिल्कशेक का सेवन करना पसंद करते हैं। जहां जूस ताजे फलों का रस है तो वहीं मिल्कशेक को फल और दूध की मदद से बनाया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि मिल्कशेक और जूस में से ज्यादा हेल्दी विकल्प कौनसा है? कोरोना के बाद लोग हेल्दी डाइट और सेहत पर गौर करने लगे हैं। अब लोग केवल पेट ही नहीं भरते बल्कि गौर करते हैं कि जो कुछ भी वो खा रहे हैं या पी रहे हैं वो हेल्दी या नहीं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने सोचा कि क्यों न आपको ये बताया जाए कि मिल्कशेक और जूस में से ज्यादा हेल्दी विकल्प कौनसा है।आगे लेख में बताएंगे दोनों विकल्प के फायदे और नुकसान।
मिल्कशेक,स्मूदी और जूस में क्या फर्क है ?
- शेक बनाने के लिए फल को दूध के साथ मिलाकर बनाया जाता है। कुछ लोग मिल्कशेक में आइसक्रीम और चीनी और ड्राई फ्रूट्स भी डालते हैं।
- स्मूदी बनाने के लिए फलों को दही के साथ मिलाया जाता है। स्मूदी में भी चीनी और ड्राई फ्रूट्स मिलाए जाते हैं।
- वहीं जूस की बात करें, तो ये केवल फलों का रस होता है। इसमें दही या दूध नहीं मिलाया जाता। केवल फलों को मिलाकर बनने वाला मिश्रण जूस कहलाता है।
मिल्कशेक पीने के फायदे-
- मिल्कशेक में कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक और कॉपर जैसे पोषक तत्व ज्यादा होते हैं।
- मिल्कशेक का आधार दूध होता है। दूध या क्रीम के बिना मिल्कशेक को तैयार नहीं किया जा सकता।
- मिल्कशेक में दूध होता है इसलिए इसमें फैट की मात्रा अधिक होती है।
- हड्डियां कमजोर हैं या शरीर में कैल्शियम की कमी है, तो मिल्कशेक का सेवन कर सकते हैं।
जूस पीने के फायदे-
- जूस पीने से पेट तो भरता ही है साथ ही ये पेट के लिए हल्का होता है। इसे कंप्लीट फूड के रूप में देख जाता है क्योंकि इसमें सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
- जिन लोगों को दूध या दही से एलर्जी है, लैक्टोज इंटोलरेंस की समस्या है, वो जूस का चयन कर सकते हैं।
- जूस में वॉटर कंटेंट की उच्च मात्रा और फैट की मात्रा कम होती है।
- जूस में खनिज और विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है।
मिल्कशेक या जूस, ज्यादा हेल्दी क्या है ?
न्यूट्रिशनिस्ट पायल ने बताया कि अगर आप रैकिंग करें, तो सबसे बेहतर होगा आप फल खाएं। उससे बेहतर जूस का सेवन माना जाता है और अंत में मिल्कशेक। जूस में सोडियम, कोलेस्ट्राॅल और सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा कम होती है। वहीं मिल्कशेक का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। अगर आप मिल्कशेक को बिना चीनी के पिएंगे, तो डायबिटीज रोगियों के लिए भी ये एक हेल्दी विकल्प साबित हो सकता है। मिल्कशेक में विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी12, कैल्शियम, विटामिन बी5, विटामिन के और फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं। वहीं जूस में विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3, विटामिन बी6 और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अगर आप लो ग्लाइसेमिक डाइट का सेवन कर रहे हैं, तो मिल्कशेक को चुनें। वहीं अगर आप लो-फैट, लो-कॉर्ब या लो-कैलोरी डाइट लेना चाहते हैं, तो जूस का विकल्प चुनें।
मिल्कशेक और जूस में, जूस को ज्यादा हेल्दी विकल्प माना जाता है। सबसे बेहतर ये होगा कि आप रॉ फलों का सेवन करें।