
सुसाइड के 66 दिन बाद नर्स का ट्रांसफर
नींद की गोलियों के ओवरडोज से हुई थी मौत
डिप्रेशन के कारण मांगा था तबादला
शिवपुरी की एक नर्स का तबादला आदेश उसके सुसाइड के 66 दिन बाद आया। नर्स ने सुसाइड से पहले अपने ट्रांसफर के लिए विभाग में कई अर्जियां लगाई थीं। इसके बाद भी ट्रांसफर नहीं हुआ तो डिप्रेशन में आकर उसने नींद की गोलियों का ओवरडोज लेकर सुसाइड कर लिया।
नर्स तनवी दबंडे मूलत: बैतूल की रहने वाली थी। वह खोड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थी। वो डिप्रेशन में थी। परिवार भोपाल में रहता है। इसी वजह से नर्स अपना ट्रांसफर भोपाल या फिर भोपाल के आस-पास के किसी अस्पताल में कराना चाहती थी, ताकि वह समय पर डॉक्टर से इलाज करा सके और परिवार के करीब रहकर डिप्रेशन दूर कर सके।
बात दिसंबर 2022 की है। संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। उस दौरान खोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तनवी को लगातार 90-90 घंटों तक ड्यूटी करनी पड़ रही थी। इस वजह से वह काफी थक गई थी। 20 दिसंबर को तनवी ने सरकारी आवास में नींद की ज्यादा गोलियां खा लीं। ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई।
तनवी के साथ कम कर चुकी एक नर्स ने नाम और पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वह कई बार कहती थी कि वह यहां काफी अकेला महसूस करती है, काफी परेशान रहती है। वह चाहती थी कि कैसे भी उसका ट्रांसफर घर या घर के आसपास किसी जिले में हो जाए तो परेशानी काफी हद तक खत्म हो जाएगी। वह ट्रांसफर के लिए लंबे समय से प्रयास कर रही थी। उसकी इच्छा पूरी तो हुई, लेकिन मौत के बाद। उसके साथ काम कर चुकी नर्सों के अनुसार वह काफी होनहार थी। उसे उत्कृष्ट काम के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया था।
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ तनवी दबड़े के निधन की जानकारी भोपाल में भेज दी गई थी। इसके बावजूद त्रुटि हुई है। यह ट्रांसफर की सूची भोपाल से जारी हुई है।