पुलिस महानिरीक्षक के स्टेनो के ऊपर लगे गंभीर आरोप
संभाग भर के अधिकारियों पर दबाव बनाकर वसूला जा रहा धन
कुछ पुराने दलाल सक्रिय जिनके माध्यम से की जा रही वसूली
भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने गृह मंत्री से की शिकायत
विराट24 ,रीवा । पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में लंबे समय से पदस्थ स्टेनो अरुण कुमार सिंगला की शिकायत गृहमंत्री से की गई है, जिन पर भ्रष्टाचार गतिविधियों में संलिप्त होने एवं पद का दुरुपयोग करने की उच्च स्तरीय जांच कराने और रीवा जोन से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की गई है। शिकायत में लिखा गया है कि स्टेनो अपने पद का दुरुपयोग कर अधिकारियों से सांठगांठ कर पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ऊपर नाजायज दबाव बनाकर प्रताड़ित करते है। साथ ही रिश्वत के रूप में अच्छा खासा रुपए वसूलते हैं ।श्री सिंगला पर आरोप लगाया गया कि इनकी नियुक्ति 9th बटालियन एसएएफ में 1 जनवरी 1989 को हुई थी जिसके बाद लगातार डीआईजी कार्यालय रीवा, आईजी कार्यालय रीवा, एसपी पीटीएस में पदस्थ रहकर पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर दबाव बनाकर भारी भ्रष्टाचार किया है। साथ ही काफी संपत्ति अर्जित की है। वर्तमान में निलंबन से बहाल होकर पुनः आईजी कार्यालय रीवा में अपने पैर जमा लिए है। स्टेनो पर आरोप है कि पुलिस के कर्मचारियों अधिकारियों को झूठी शिकायतें कराकर जांच करवाना एवं फसाना फिर बचाने के नाम पर अच्छा-खासा पैसा वसूलने का कारोबार सिंगला द्वारा किया जा रहा है। बताया जाता है कि रीवा शहर के करहिया ,हरिहरपुर ,वरा रामनई चोरगढ़ी में कीमती भूमि क्रय विक्रय की गई है ,इतना ही नहीं बाणसागर रीवा में आलीशान मकान का निर्माण कराया गया है जो किराए से दे रखा है। अरुण कुमार सिंगला स्टेनो द्वारा भ्रष्टाचार से वसूली गई रकम से जमीन क्रय एवं विक्रय किया गया है जो शहर के जमीन कारोबारियों से अच्छे संबंध बनाकर अपना कारोबार कर रहे हैं। इसी क्रम में हनुमान प्रसाद गुप्ता निवासी खुटेही से बाउंड्री को लेकर विवाद भी हुआ था, जहां कोर्ट में मामला पहुंचा तो सजा मिलने की स्थिति निर्मित हो गई, तब सिंगला ने हनुमान प्रसाद गुप्ता को लंबी रकम देकर विचारणीय प्रकरण में समझौता कर लिया। बताया जाता है कि प्रॉपर्टी डीलिंग का व्यवसाय करते हुए करहिया नंबर 1 में आराजी नंबर 529/2/1/13/ 001/रकवा0,0763हे,करोड़ो रुपए में खरीदा गया, जिसमें पुलिसिया धौंस दिखाकर बाउंड्री वाल बनवा लिया था , जिसका मामला थाना पहुंचा था। थाने में अपराध क्रमांक31/ 13 धारा 294,427,447, 506, 34 दर्ज किया गया है।तत्कालीनआईजी रीवा द्वारा निलंबित किया जा चुका है, अपराधिक प्रकरण के विरुद्ध न्यायालय में विचाराधीन था।किंतु जब इनको सजा का भय हुआ तो राजीनामा कर लिया। श्री सिंगला पर आईजी ऑफिस में पदस्थ रहते पद का दुरुपयोग का भी आरोप लगाया गया है। बताया जाता है कि शासन एवं पुलिस प्रशासन भोपाल के आदेश दिनांक 13 अगस्त 2010 के अनुसार अरुण कुमार सिंगला को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सतना स्थानांतरित किया गया था, सतना में पदस्थ स्टेनो आरयस पांडेय को आईजी कार्यालय रीवा पदस्थ किया गया, जिस स्थानांतरण पर सतन ना जाकर तत्कालीन आईजी रीवा जी आर मीणा के सहयोग से हाई कोर्ट जबलपुर से स्ट्रे प्राप्त कर लिया। तत्पश्चात पुलिस मुख्यालय भोपाल से जारी हुआ आदेश डब्ल्यूपी 110249/10 स्थानांतरण संबंधी फाइल गायब करा दी गई । इतना ही नहीं भोपाल के जांचकर्ता अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक कार्मिक एसके कर्वे की जांच पर भी सिंगला का चरित्र संदेहास्पद पाया गया था, जिसकी पुलिस मुख्यालय भोपाल की जांच रिपोर्ट एवं अन्य संबंधित सहित सिंगला के विरुद्ध कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन एवं दस्तावेज तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रीवा की ने आईजी रीवा के पत्र क्रमांक 16, 3, 2011 के अनुसार दस्तावेज भेजे गए थे, किंतु इस पर कोई कार्यवाई नहीं हुई। बताया जाता है कि सिंगला के ग्वालियर जोन स्थानांतरण संबंधी पत्र दिनांक 17 जनवरी 2018 को एके सोनी तत्कालीन आईजी रीवा द्वारा एडीजी प्रशासन पुलिस मुख्यालय भोपाल को अत्यधिक समय से रीवा में पदस्थ रहने के कारण अनुशंसा की गई थी, किंतु इस पर भी कोई आदेश शासन स्तर से जारी नहीं हुआ। सिंगला के विरुद्ध कई गंभीर आरोप होने पर तत्कालीन आईजी के आदेश दबाने के आरोप में विभागीय जांच चली और कई प्रकरणों में उन्हें तत्कालीन आईजी द्वारा दंडित भी किया गया जो इनके सेवा अभिलेख में स्पष्ट लिखा गया है।
सूत्रों की माने तो आईजी कार्यालय में पदस्थ रहते 2005 से 2007 में अपनी पत्नी के नाम से बजाज एलियांज कंपनी में बीमा करते थे, जब कोई अधिकारी कर्मचारी नहीं लेता था तो उसकी जांच कराते थे और उसे पॉलिसी लेने के लिए मजबूर करते थे, जो अधिकारी पुलिस पॉलिसी नही लिया उसके खिलाफ साजिश रच कर सियार खराब करवा देते थे । संभाग के सैकड़ों उपनिरीक्षक निरीक्षकों की सीआर खराब कर दी गई है। जो अपील करने पर तत्कालीन डीजीपी भोपाल द्वारा सुधारी गई है ,जो इनके भ्रष्टाचार और कर्मचारियों के दबाव बनाने का जीता जागता उदाहरण है। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने बताया कि अरुण कुमार सिंगला द्वारा उप निरीक्षक राजेंद्र चौबे एवं उप निरीक्षक रामानुज बागरी को जबरदस्ती विभागीय जांच सिद्ध न होने के बाद भी गंभीर सजा दी गई, जबकि उनके ऊपर पदस्थ निरीक्षक नागेंद्र सिंह एवं आदित्य प्रताप सिंह से लंबी रकम लेकर बचाव किया गया है, जो जांच का विषय है। इस बात का भी जिक्र किया है कि श्री सिंगला के विरुद्ध वर्ष 2009 में तत्कालीन विधायक राजकुमार उर्मलिया एवं लक्ष्मण तिवारी ने विधानसभा भोपाल में गंभीर अनियमितता के प्रश्न भी लगाए थे और इन्हें हटाने का आश्वासन तत्कालीन गृह मंत्री भोपाल द्वारा दिया गया, परंतु आज दिनांक तक ना तो कोई कार्यवाही हुई और ना ही पद से हटाया गया शिकायत करता ने मांग की है कि अधिकारियों के साथ ही रीवा के हित मे ऐसे अधिकारी को रीवा जॉन से तत्काल बाहर किया जाए और उनके भ्रष्टाचार की जांच की जाए, ताकि गरिमा को तार-तार होने से बचाया जा सके।
बर्खास्त आरक्षक से लाखों रुपए लेकर बचाने का आरोप
शिकायतकर्ता ने चर्चित आरक्षक ओमप्रकाश परमार उर्फ भिंडी जो अपराधिक किस्म का है, जिसे बर्खास्त किया गया था, उससे एक लाख रु लेकर तत्कालीन आईजी चंचल शेखर से बहाल करवाने का आरोप भी शिकायतकर्ता ने लगाया है, जिसे पुनः समान थाने में धोखाधड़ी और कार चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिले के साथ-साथ सिंगरौली जिले के पुलिस के भ्रष्टाचारियों से मिलकर कई ईमानदार अधिकारियों को फंसाने के लिए विरोधियो से लंबी रकम लेकर बदला लेने, तत्कालीन आईजी चंचल शेखर को गुमराह कर कई जांचे बैठाया और उनका स्थानांतरण भी करा दिया जो हाई कोर्ट जबलपुर से स्ट्रे लेकर सिंगरौली में पदस्थ है। शिकायतकर्ता ने सिंगरौली सतना ,रीवा , सीधी जिले के पुलिस कर्मचारियों एवं अधिकारियों को रिवीजन के नाम पर फाइल बुलाकर परिवर्तन करने अथवा बड़ी सजा दिलाने की धौस देकर लाखो रु की मांग करने की शिकायत गृहमंत्री से की है।
क्या कहना है सिंघला का

जिस शिकायत की आप बात कर रहे हैं, उसमें शिकायतकर्ता से मेरी बात हुई है, उनके द्वारा कहा गया कि मैंने कोई शिकायत नहीं की है । हलफनामा देने के लिए तैयार है, मेरे विभाग के ही कुछ कर्मचारियों के द्वारा इस तरह की शिकायत करवाई जा रही है, जिन मामलों की आप बात कर रहे हैं, उनकी जांच एडिशनल एसपी कर चुके हैं ,और जांच प्रतिवेदन भोपाल भेजा जा चुका है सभी आरोप निराधार है।
अरुण कुमार सिंगला स्टेनो पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय रीवा