खबर रीवा जिले से है जहां एक बार फिर शहर के बीचो-बीच पेट्रोल टंकी में संचालित मिनेरवा अस्पताल में हंगामा हुआ है. दरअसल एक बार फिर पैसा एठने के बाद मरीज की हालत बिगड़ने पर रेफर करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया है।

आपको बता दें कि इसके पहले भी मिनरवा अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही पूर्वक उपचार करने का आरोप लग चुका है, दर्शल सतना जिले से सागर चिकवा नाम के युवक को सड़क दुर्घटना में घायल होने पर उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जिससे5 लाख रु जमा करवाने के बाद 5 दिन उपचार किया गया और परिजनों को यह आश्वासन दिया जाता रहा कि मरीज की हालत ठीक है, इतना ही नहीं सात यूनिट ब्लड भी चढ़ाया लेकिन जब मरीज की हालत बिगड़ी तो चिकित्सकों के द्वारा कहा गया कि रेफर करा कर बाहर ले जा सकते है।

आपको बता दें कि निजी नर्सिंग होम संचालक एंबुलेंस चालकों से सांठगांठ कर शासकीय अस्पताल जाने वाले मरीजों को रोककर खून चूस रहे है, रीवा का मीनरबा अस्पताल इन्हीं खून चूसने वालों में नंबर 1 बनता जा रहा है ।बताया जाता है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त नर्सिंग होम पर न तो प्रशासन कोई कार्यवाही करता ना ही जनप्रतिनिधि जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले नर्सिंग होम पर कार्यवाही का निर्देश देते, जिसके चलते अपना खजाना भरने के लिए लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं !