24 घंटे से अधिक समय बाद श्रमिक का हुआ पोस्टमार्टम पुलिस पर हमला करने वाले एक दर्जन आरोपी भेजे गए जेल थाना प्रभारी ने अंतिम संस्कार के लिए दस हजार की दी आर्थिक मदद

24 घंटे से अधिक समय बाद श्रमिक का हुआ पोस्टमार्टम
पुलिस पर हमला करने वाले एक दर्जन आरोपी भेजे गए जेल
थाना प्रभारी ने अंतिम संस्कार के लिए दस हजार   की दी आर्थिक मदद

virat24, रीवा। श्रमिक की मौत के बाद परिजनों के द्वारा लगभग 24 घंटे तक हंगामा किया गया और पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार नहीं हुए, इस दौरान पुलिस और परिजनों के बीच झड़प हुई ,जिसमें एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए वहीं कई परिजनों को भी चोट पहुंची । कड़ी समझाइस के बाद 24 घंटे से अधिक समय के बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ और परिजन अंतिम संस्कार के लिए ग्रह ग्राम लेकर रवाना हुए, जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली । बताया जाता है कि फैक्ट्री  प्रबन्धन के द्वारा मृतक की बेटी को नौकरी और 30,000 की आर्थिक मदद के साथ शव को प्रयागराज पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने  के लिए राजी हुआ था, लेकिन परिजन 40लाख रुपए की आर्थिक मदद और नौकरी के लिए अड़े हुए थे। घटना के 24 घंटे बाद बुधवार को संजय गांधी अस्पताल में दी गई समझाइस के बाद परिजन राजी हुए और शव का पोस्टमार्टम कराकर ग्रह ग्राम लेकर चले गए। बताया जाता है कि इस दौरान चोरहटा थाना प्रभारी ने व्यक्तिगत रूप से 10,000 की आर्थिक मदद मृतक के परिजनों को की है। गौरतलब है कि मंगलवार की दोपहर नवस्ता स्थित ट्रक पार्किंग में खड़े ट्रक का मकैनिक कोमल साकेत निवासी उमरिया थाना रामपुर बघेलान जिला सतना ग्रीसिंग कर रहा था। इसी दौरान ट्रक क्रमांक एमपी 17 एचएच 3099 का चालक लापरवाही पूर्वक वाहन स्टार्ट कर आगे बढ़ा दिया। जिससे ट्रक के नीचे घुसे  श्रमिक की चक्का के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई, जिसका जिम्मेवार परिजनों के द्वारा फैक्ट्री प्रबंधन को ठहराया जा रहा था ,जबकि घटना से फैक्ट्री का कोई लेना देना नही था।इसके बावजूद परिजन शव नर्मदा गेट में रखकर  आर्थिक मदद की मांग कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस के साथ तकरार हुआ और एक दर्जन पुलिसकर्मियों के साथ परिजन भी घायल हुए,पुलिस ने शव को  संजय गांधी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करने के लिए पहुंचा दिया था ,जिसका बुधवार को पोस्टमार्टम कराया गया ।
200 से अधिक लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हुए मामले।
श्रमिक की मौत के बाद परिजनों के द्वारा आर्थिक मदद की मांग की जा रही थी ,प्रबन्धन के द्वारा मांगे न माने जाने  पर फैक्ट्री के गेट  में शव रखकर आवागमन अवरुद्ध किया गया इस दौरान पुलिस के द्वारा समझाइश दी गई तो एकत्र लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए, चोरहटा पुलिस के द्वारा दो सौ अज्ञात और 25 नामजद लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया और 10 लोगों को हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश कर दिया। जबकि अन्य अभी फरार बताए जाते हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।

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