स्वर कोकिला भारत रत्न से सम्मानित ‘लता जी’ की पुण्यतिथि पर विशेष

स्वर साम्राज्ञी, बुलबुले हिंद और स्वर कोकिला जैसे अनेकों विशेषणों से विभूषित लता मंगेशकर पिछले साल दुनिया को अलविदा कह गईं. 6 फरवरी को उनकी पुण्यतिथि है. 1000 फिल्मों में 50000 से अधिक गाना गाने वाली लता दीदी ने 80 वर्षों तक सुर साधना की थी. उन्होंने करीब 20 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं. यह किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है.

त्याग,तपस्या,संघर्ष और साधना की मिसाल रही मशहूर गायिका लता मंगेशकर की 6 फरवरी को पुण्यतिथि है. पिछले साल इसी समय वो दुनिया को अलविदा कह गई थीं. मौते से पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने 29 दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष किया था. लेकिन कोरोना और निमोनिया एक साथ होने की वजह से उनकी तबियत ठीक नहीं हो पाई. लता दी को स्वर साम्राज्ञी, बुलबुले हिंद और स्वर कोकिला जैसे अनेकों विशेषणों से विभूषित किया गया है. साल 2001 में उनकी संगीत साधना को देखते हुए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था. वो पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी थीं. उनके नाम कई नेशनल फिल्म अवॉर्ड और फिल्म फेयर अवॉर्ड भी दर्ज हैं.

लता मंगेशर का जन्म इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था. उनके पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया के जाने पहचाने नाम थे. लेकिन 13 साल की उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए हट गया. पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. घर में मां के साथ चार भाई-बहन आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर, हृदयनाथ मंगेशकर मौजूद थे. उन सभी के जीवकोपार्जन के लिए उन्होंने काम करना शुरू कर दिया. संगीत और रंगमंच उनको विरासत में मिला था. इसलिए उसमें काम करना उनके लिए सहज था. इसलिए उन्होंने अभिनय और गायन शुरू कर दिया. साल 1942 में रिलीज हुई मराठी फिल्म ‘पहली मंगला गौड़’ के लिए उन्होंने अपना पहला गाना गाया था. इसमें उन्होंने अभिनय भी किया था.

लता दीदी ताउम्र अविवाहित रहीं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह उनका परिवार था. परिवार के पालन-पोषण में वो इतनी व्यस्त रहीं कि उनको शादी का कभी ख्याल ही नहीं आया. कई बार रिश्ते आए, लेकिन जिम्मेदारियों ने उनसे जुड़ने नहीं दिया. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद कहा था, ”पिता जी के जाने के बाद घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी मुझ पर आ गई थी. इस वजह से कई बार शादी का ख़्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी. बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. बहुत ज़्यादा काम मेरे पास रहता था.

यदि मैं शादी कर लेती तो मुझे अपनी जिम्मेदारियों को छोड़कर दूसरे के घर जाना पड़ता. इसलिए जब भी रिश्ता आया, मैंने मना कर दिया.” लताजी की ही देन है कि उनकी बहन आशा भोसले कामयाब गायिका बन पाई हैं.

1000 फिल्मों में 50000 से अधिक गाना गाने वाली लता दीदी ने 80 वर्षों तक सुर साधना की थी. उन्होंने करीब 20 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं. यह किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है. इसके लिए साल 1974 में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ था, तब उन्होंने 25 हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड कर लिए थे. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की इतिहास में एक दौर ऐसा भी था, जब लता मंगेशकर के गानों के बिना फिल्में बनती ही नहीं थी. उनकी आवाज फिल्म की सफलता की गारंटी हुआ करती थी. कई मशहूर अभिनेत्रियों को सफल बनाने में उनकी आवाज की बड़ी भूमिका है. इनमें कामिनी कौशल, दुर्गा खोटे, मधुबाला, आशा पारेख, रेखा, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, जया प्रदा, माधुरी दीक्षित, काजोल जैसी अभिनेत्रियों का नाम शामिल है.

 by Umesh Shukla @ VIRAT24 news

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