बरसात में घर बनवाना है तो भवन निर्माण सामग्री से जुडी इस अहम खबर को जरूर पढ़ें


बरसात में घर बनवाना है तो इस खबर को जरूर पढ़ लीजिये, भवन निर्माण सामग्री से जुडी अहम खबर

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अब घर की चार दीवारी और छत बनवाना आसान नहीं है। अगर बरसात के मौसम में घर बनवाने की सोच रहे है तो जेब को भारी कर लीजिये क्युकी भवन निर्माण सामग्री में बेतहाशा वृद्धि हो गयी है। साथ ही भवन निर्माण सामग्री बड़ी मशक्क्त के बाद ही मिल पा रही है। पिछले एक महीने में रीवा में रेत के दाम आसमान छूने लगे है। आपको बता दें कि दाम में करीब तेरह हजार रूपये प्रति गाडी (ट्रक) की वृद्धि हो गयी है। साथ ही गिट्टी और ईंट के दाम भी बेतहाशा बढ़ गए है।

रीवा: बारिश के मौसम मे घर बनाना काफी महंगा हो गया है। आपको बता दें कि बीते एक माह में रेत के दाम 13 हजार रूपये प्रति वाहन तक बढ़े है। इस समय रेत लगभग 45 से 50 हजार रूपये प्रति ट्रक/हाइवे पड़ रही है। साथ ही गिट्टी और ईट भी महंगी हुई है। बरसात के मौसम में घर बनवाना महगा हो गया है। भवन निर्माण सामग्री के रेट में बेतहाशा बृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा रेत के दाम बढे है।

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उल्लेखनीय है की बालू रीवा में सीधी, शहडोल, उमरिया से ज्यादा आती है। रेत सीधे नदी से आती है। वाहन सीधे नदी तक आ जाते है। वही से गीली रेत सीधे वाहन में डाल दी जाती है। जिसके कारण ट्रक में रेत और पानी दोनों ही आ जाते है। रेत बिना नाप टोल के सीधे ही ट्रको में भर दी जाती है। परन्तु बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ने से रेत उत्खनन नहीं हो पाता है। बारिश में नदी का जल स्तर बढ़ने से रेट उत्खनन पर रोक लगा दिया जाता है।

भंडारण की हुई रेत है मिलती :
ऐसे में रेत कारोबारी भण्डारण की हुई रेट ही ट्रको में डलवाते है। क्युकी बरसात में नदी से रेट उत्खनन बंद हो जाते है। भण्डारण से देने की वजह से नाप तौल के देते है और साथ ही परिवहन और भण्डारण खर्च भी जोड़ देते है। नतीजा ये निकलता है कि रेत कारोबारियों को बालू महँगी और कम भी मिलती है और खासा मसक्क्त भी करनी पड़ जाती है। एक महीने पहले जो बालू 35 हजार मिल रही थी वह अब करीब 50 हजार पहुंच गयी है। बारिश बढ़ने के साथ आसार है कि दाम अभी और बढ़ेंगे। चुकी कटनी में नाकाबंदी है इसलिए उमरिया की बालू तो आ भी नहीं पा रही है। सीधी सोन नदी में ज्यादा बालू है नहीं। ये सब भी दाम बढ़ने के प्रमुख कारण है।

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गिट्टी और ईट के दाम भी बढे :
पत्थर के खदानों में पानी भर गया है। नतीजा पत्थर उपलब्ध नहीं है। इसलिए क्रेशर प्लांट भी लगभग बंद से है। साथ ही रीवा में तो अभी हाल ही में NGT के निर्देशन में करीब तीन दर्जन क्रेशर सीज भी हुए है। इसलिए भी गिट्टी के दाम बढे है। आपको बताये कि बड़े हाइवा वाहन में इस समय लगभग 15 हजार प्रति गाडी मिल रही है।
ईंट के दाम में भी आग लगी है , जो पहले 8500 रूपये प्रति ट्राली थी, वो अब 9500 हो गयी है। साथ ही उल्लेखनीय है कि भवन निर्माण सामग्री महँगी और काफी मसक्क्त के बाद ही मिल पा रही है।

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वर्ष 2023 के भाव (approx) :
गिट्टी से भरा डंपर: 32000
रेत से भरा वाहन : 48000
सरिया प्रति क्विंटल: 90000
सीमेंट प्रति बोरी: 480
ईंट प्रति हजार: 5000

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