फैक्ट्री प्रबंधन की तानाशाही से रुष्ट किसान आत्महत्या करने चढ़ा फैक्ट्री के सैलो में 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उत्तरा नीचे

फैक्ट्री प्रबंधन की तानाशाही से रुष्ट किसान आत्महत्या करने चढ़ा फैक्ट्री के सैलो में
8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उत्तरा नीचे
virat24 ,रीवा। फैक्ट्री प्रबंधन को अपनी जमीन देने के बाद अब किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। आए दिन धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगे मनवाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सोमवार की सुबह जेपी सीमेंट फैक्ट्री के अंदर उस समय अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया जब एक 50 वर्षीय व्यक्ति फैक्ट्री के सैलो में चढ़कर आत्महत्या करने की चेतावनी दे दी। जानकारी लगते ही फैक्ट्री प्रबंधन मौके पर पहुंचा और मिन्नतें करना शुरू कर दिया। सैकड़ों फीट की ऊंचाई में चढ़े व्यक्ति ने एक वीडियो बनाकर भेजा जिसमें उसने बताया कि वह संतोष पांडेय नवस्ता का रहने वाला है। उसके द्वारा प्रबंधन को अपनी जमीन दी गई थी, जिसके बदले उसका ट्रैक्टर फैक्ट्री में काम पर लगाया था, लेकिन 22 मार्च 2020 से कंपनी की तानाशाही के चलते ट्रैक्टर को बाहर कर दिया है, जिसके चलते उसका परिवार अब भूखे मरने की कगार पर पहुंच गया। इतना ही नहीं टैक्टर खड़े-खड़े कंडम हो रहा है, वही उसकी जमीन को मध्यप्रदेश शासन दर्ज कर दिया गया , जिसके चलते ना तो उसे कर्ज मिल रहा ना वह अपनी जमीन बेच सकता और ना ही उसे किसी प्रकार का मुआवजा मिल रहा । यहां तक कि प्राकृतिक आपदा आने पर भी उसे किसी प्रकार की शासन से मदद नहीं मिलती, जिसके चलते पूरा परिवार अब भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुका है। घटना की जानकारी लगते ही नायब तहसीलदार राशि रत्ना पांडेय चोरहटा थाना प्रभारी शिव पूजन मिश्रा मौके पर पहुंचे और सैलो में चढ़े व्यक्ति के साथ प्रबंधन की बातचीत करवाई, 8 बजे सुबह से शुरू हुआ घटनाक्रम शाम करीब 4 बजे तक चला। मौके पर पहुंचा प्रबंधन किसान की शर्त को मानते हुए ट्रैक्टर की मरम्मत के लिए 50000 और पुनः ट्रैक्टर को काम में लगाने के साथ उसकी जमीन के संबंध में आगे बात करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद मामला शांत हुआ और सैलो में चढ़ा व्यक्ति नीचे उतरा ,जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
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