
सेमरिया Rewa में हुईं सनसनीखेज चोरी की वारदात, पीड़ित का आरोप:संदेही पर पुलिस का है वरदहस्त!नही हुई अब तक कोई कार्यवाही…
घर में घुसे बदमाशों ने 5 लाख से अधिक सोने चांदी के जेवर 60,000 नगदी चुराया, संदेही से नहीं हो रही पूछताछ
रीवा: जिले में लगातार चोरी की घटनाएं घटित हो रही है, लेकिन बदमाश पकड़े नहीं जा रहे हैं।ऐसा लगता तो कतई नही कि कानून का राज है।

हद तो तब हो जाती है जब पीड़ितों के द्वारा संदेहियो के नाम बताने के बाद भी पुलिस कड़ाई से पूछताछ तक नहीं करती, जिसके चलते चोरों के हौसले बुलंद हैं।
गौरतलब है कि ताजा मामला सेमरिया थाना क्षेत्र के दुआरी गांव का है, जहां स्थानीय निवासी विपिन सिंह के घर विगत दिनों हुई चोरी का सुराग पुलिस आज दिनांक तक नहीं लगा पाई।
पीड़ित ने बताया कि गांव के ही रिशू सिंह कछवाह पर उन्हें संदेह है, क्योंकि वह उनके घर अक्सर आता जाता था और उसे घर का सामान कहां कहा और कैसे रखा है, इस बात की पूर्ण जानकारी थी। चोरी उपरांत जब इस बात की जानकारी पुलिस को दी गई तो, जानकारी देने के बाद पुलिस ने उक्त संदेही व्यक्ति को बुलाया जरूर लेकिन ले देकर छोड़ दिया गया।

आगे पीड़ित ने बताया कि सामने घर बना है पीछे तीन तरफ बाउंड्री है, दरवाजे लगे हैं। उसी रास्ते से बदमाश घुसे और अंदर का ताला तोड़कर पेटी में रखे छोटे बॉक्स को चुरा ले गए थे।
घटना की जानकारी सुबह हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, शोर-शराबा सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और तलाश शुरू की तो घर से दूर खाली सामान और बॉक्स मिले थे।
घटना की जानकारी पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची फिंगर एक्सपर्ट को बुलाया गया लेकिन डॉग स्कॉट को नहीं बुलाया गया। पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगापाई है।
पीड़ित ने बताया कि वह एक गरीब किसान है और किसी तरह एक-एक रुपए जोड़कर घर गृहस्थी का सामान बनाया था, जिसे बदमाश चुरा ले गए।
उल्लेखनीय है कि पीड़ित ने जिस उक्त संदेही व्यक्ति पर पर शंका व्यक्त की थी, उसे पुलिस ने ना तो गिरफ्तार किया और ना ही उस पर कोई कार्यवाही की, बल्कि उसे यूं ही छोड़ दिया गया। जिससे उसके हौसले बुलंद हैं एवम वह उन्हें लगातार धमकी दे रहा है।
पीड़ित ने बताया कि उक्त युवक अपराधिक किस्म का व्यक्ति है। गत माह चोरी के सामान बंटवारे को लेकर विवाद हुआ था और गोली भी चली थी, लेकिन सेमरिया पुलिस आरोपी से पूछताछ नहीं कर रही है।

कुल मिलाकर पीड़ित के कथन अनुसार बात करें तो उसे अपने यहा हुई चोरी को लेकर स्थानीय पुलिस के कार्यशैली से संतोष नही है, साथ ही उसे कही न कही उक्त आरोपी के ऊपर पुलिस का वरदहस्त होने पर भी शंका है क्युकी संदेही व्यक्ति पर अब तक कोई कार्यवाही होते नही दिख रही है।
उक्त वारदात और जिले में लगभग रोज घट रही अपराधिक घटनाओं पर गौर करें तो साफ लगता है कि रीवा जिले में कानून का राज तो नही चल रहा, साथ ही नवागत एसपी के आने से भी कोई खास फर्क पड़ता अब तक तो नही दिख रहा।

गौरतलब है कि जिले में दिन-प्रतिदिन अपराधिक वारदाते, चोरी, लूट, डकैती, हत्या, मारपीट, आगजनी, दुष्कर्म, छेड़छाड़, दुर्घटनाएं, मानभंग आदि किस्म की घटनाएं जो घटित हो रही है, उन्हे देखकर तो ऐसा ही लगता है कि रीवा जिले में पुलिसिंग अब उस स्तर की नही रही जैसे कभी हुआ करती थी, जब रीवा शांति का टापू कहा जाता था, अब तो रीवा शनैः शनै: अपराध और अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है।

बड़ा सवाल यही है कि क्या आने वाले दिनों में कुछ सुधार देखने को मिलेगा अथवा जिले में अपराध/अन्याय का ग्राफ अनवरत यूं ही बढ़ता जायेगा???
पीड़ितों को इंसाफ के लिए भटकना पड़ेगा, दर दर की ठोकरें खानी पड़ेगी या उन्हें फिर इंसाफ मिलेगा????
उक्त सभी प्रश्नों के जवाब तो वक्त के गर्भ में समाएं हैं, जो समय आने पर ही पता चलेगा।