तो क्या अब 500 रुपये के नोट भी चलन से बाहर होंगे ? पढ़िए RBI की रिपोर्ट के आधार पर विश्लेषणात्मक खबर

तो क्या अब 500 रुपये के नोट भी चलन से बाहर होंगे ??? पढ़िए RBI की रिपोर्ट के आधार पर विश्लेषणात्मक खबर. . .

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500 रुपये के नकली नोट को लेकर RBI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, जानकर चौंक जाएंगे !

वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कमजोर खपत, ग्रामीण मांग में गिरावट और लगातार लागत का दबाव चिंता का विषय बना हुआ है

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बैंकिंग सिस्टम से पकड़े गए 2,25,769 नकली नोट, आरबीआइ की वार्षिक रिपोर्ट में हुए कई बड़े खुलासे

देश में नोटों का प्रचलन बढ़ रहा है और सिस्टम में नकली नोटों की संख्या भी बढ़ रही है

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सबसे ज्यादा (number: 91,110) 500 रुपये के नोट पकड़े गए हैं

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उपरोक्त पंक्ति हम नहीं कह रहे बल्कि RBI कि जो विस्तृत रिपोर्ट आयी है वो तो कुछ ऐसा ही इशारा कर रही है। क्युकी रिपोर्ट की बात करें तो जो नकली नोट सबसे ज्यादा पकडे गए है वो दो हजार के नहीं थे, सबसे ज्यादा नकली नोट जिसने RBI के सिरदर्द को बढ़ाया है वो दो हजार नहीं बल्कि पांच सौ के नोट है। साथ ही नकली नोट की बात करे तो पांच सौ, सौ, बीस के नकली नोट दो हजार के नोट की बजाय ज्यादा चलन में है, तो अगर दो हजार के नोट वापस लिए गए तो क्या ये मुमकिन नहीं आने वाले दिनों में पांच सौ के नोट भी वापस ले लिए जाए।

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आइये आपको RBI रिपोर्ट और फिर उसके मायने बताते है ताकि यह बात अच्छे से समझी जा सके कि आखिर पांच सौ के नोट के बारे में ऐसा क्यों कहा जा रहा कि कही ‘पांच सौ के नोट भी तो चलन से बाहर नहीं हो जायेगे आने वाले दिनों में’, तो अंत तक पढ़िए इस लेख को और खुद एक निष्कर्ष पर आप पहुंच जायेगे . . .

बैंक नोटों का चलन मूल्य और मात्रा के लिहाज से 2022-23 के दौरान क्रमश: 7.8 फीसदी और 4.4 फीसदी बढ़ा. वित्त वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा क्रमश: 9.9 फीसदी और पांच फीसदी था. रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य के लिहाज से 31 मार्च, 2023 तक 500 रुपये और 2,000 रुपये के बैंक नोटों की हिस्सेदारी कुल बैंक नोटों के चलन में 87.9 फीसदी थी. इससे एक साल पहले यह आंकड़ा 87.1 फीसदी था.

RBI वार्षिक प्रतिवेदन: भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की तुलना में 2022-23 में बैंकिंग सिस्टम में पकड़े गए 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 14.6 फीसदी बढ़कर 91,110 नोट हो गई है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक इसी अवधि में सिस्टम द्वारा पकड़े गए 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों की संख्या 28 प्रतिशत घटकर 9,806 नोट रह गई। हालांकि बैंकिंग सेक्टर में पकड़े गए नकली भारतीय करेंसी नोटों की कुल संख्या पिछले वित्तीय वर्ष में 2,30,971 नोटों की तुलना में 2022-23 में घटकर 2,25,769 नोट रह गई.

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उल्लेखनीय है कि यह 2021-22 में बढ़ गया था। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में 20 रुपये के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 8.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी और 500 रुपये (नए डिजाइन) मूल्यवर्ग में 14.4 फीसदी की बढ़ोतरी पर भी प्रकाश डाला गया है। दूसरी ओर, 10 रुपये, 100 रुपये और 2,000 रुपये के नकली नोटों में क्रमश: 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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तो अगर उपरोक्त रिपोर्ट को निचोड़े तो दो हजार के नकली नोट जो पकडे गए वो पांच सौ के नकली नोटों की तुलना में तो कम थे। साथ ही दो हजार के नोट सामान्य आदमी के पहुंच से दूर ही थे जबकि पांच सौ के नोट आम आदमी के पहुंच के अंदर ही रहते है यानी ज्यादा चलन में होते है, तो उनके नकली होने से तो ज्यादा समस्या खड़ी होती है। तो नियमतः तो पांच सौ के नोट जो ज्यादा चलन में भी है उनको भी बंद किया जा सकता है, ऐसा कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यह बात तब और भी मायने रखती है जब जिम्मेवारों को ये लगता हो कि जो नोट सिरदर्द बन रहे या ज्यादा नकली चलन में हो उनको वापस ले लो बगैर ये परवाह किये कि उनकी अकर्मण्यता से आम आदमी को कितनी दिक्क़ते होगी? कैसे वो बैंक की लम्बी लम्बी लाइनो में भीषण गर्मी में बंद हुई नोट को बदलने को खड़ा रहेगा !

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RBI ने 2000 रुपये के नोट वापस लेने का किया है एलान :
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की है और इन्हें जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. रु 2,000 के नोट 30 सितंबर, 2023 तक लीगल टेंडर माने जाएंगे. आरबीआई ने नागरिकों से इन नोटों को निश्चित समय सीमा के भीतर बैंक में जमा करने या बदलने को कहा है.

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2000 के नोटों का चलन घटा :
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मार्च के अंत में दो हजार रुपये के 4,55,468 लाख नोट चलन में थे, जिनकी कुल कीमत 3,62,220 करोड़ रुपये है. इसमें आगे बताया गया कि दो हजार रुपये के नोटों के चलन में मूल्य और मात्रा, दोनों लिहाज से कमी आई है. इस समय दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोट चलन में हैं. इसके अलावा 50 पैसे, एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्के भी चलन में शामिल हैं.

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उपरोक्त आधार पर तो दो हजार के नोटों का चलन घटा है और वो इसलिए भी घटा है क्युकी RBI/सरकार ने पिछले कुछ समय से दो हजार के नोटों की छपाई ही नहीं कि है. अब जब छपाई नहीं होगी तो स्वाभाविक है कि बाजार में नोट कम दिखेंगे. वैसे भी दो हजार के नोट कोई मामूली तो नहीं बल्कि पांच सौ के चार नोटो के बराबर होते है और भारत जैसे देश में औसतन एक व्यक्ति दिन भर में बमुश्किल पांच सौ कमा पाता है. रही बात कि दो हजार के नोटों का सर्कुलेशन बाजार में इसलिए घटा है क्युकी अवैध तरीके से वो बड़े लोगो की तिजोरियों की शोभा बढ़ा रहे है इसलिए दो हजार के नोट वापस लिए जा रहे तो उस हिसाब से तो पांच सौ के नोट भी बड़ी बड़ी तिजोरियों में लम्बी नींद की आगोश में खोये हुए है, जिनके खर्राटे भी तिजोरी से बाहर नहीं आते. तो सवाल ये उठता है कि क्यों न पांच सौ के नोट भी वापस ले लिए जाए अगर एकमात्र तरीका नकली नोटों को बाहर लाने का अब उन नोटों को बंद कर देना रह गया है! हलाकि ऐसा करके RBI/सरकार की लाचारी साफ़ देखी जा सकती है!

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अब 500 रुपये के नोट ने बढ़ाया RBI का सिरदर्द :
RBI की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023 में 500 रुपए के करीब 91,110 नकली नोट पकड़े गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में पाए गए कुल नकली भारतीय नोटों (एफआईसीएन) का 4.6 प्रतिशत रिजर्व बैंक और 95.4 प्रतिशत अन्य बैंकों में पाया गया। रिपोर्ट में कहा गया, “मात्रा के लिहाज से 31 मार्च 2023 तक कुल प्रचलित मुद्रा में 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 37.9 फीसदी है, जो सबसे अधिक है. इसके बाद 10 रुपये के नोट का स्थान है, जिनकी हिस्सेदारी 19.2 फीसदी है.” मार्च 2023 के अंत तक 500 रुपये के कुल 5,16,338 लाख नोट चलन में थे, जिनका कुल मूल्य 25,81,690 करोड़ रुपये है.

वर्ष (2022-23) में आरबीआई 100रूपये के 78,699 रुपये के नकली नोट, जबकि 200 रुपए के 27,258 नकली नोट जब्त किए गए। वहीं, 2000 रुपए के 9,806 नकली नोट जब्त किए गए। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार/आरबीआई ने 19 मई को ऐलान किया था कि 2000 रुपए के नोट को चलन से हटा लिया जाएगा।वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कमजोर खपत, ग्रामीण मांग में गिरावट और लगातार लागत का दबाव चिंता का विषय बना हुआ है.

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उपरोक्त आधार पर तो पांच सौ के नोट काफी चलन में है और बहुत अधिक प्रतिशत नकली नोट भी है, तो क्या यह संभव नहीं कि 2014 के बाद जब दो बार नोटबंदी हो चुकी है (दो हजार के नोटों को वापस लेने की घोषणा भी आंशिक नोटबंदी ही तो हुई ) ऐसे में आने वाले दिनों में पांच सौ के नोट भी बंद करने की घोषणा अचानक से देशवासियो को सुनने को मिल जाए ???

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RBI ने किया खुलासा, 2000 रुपये के नहीं बल्कि बाजार में सबसे ज्यादा इसके हैं नकली नोट :
देश में नोटों का प्रचलन बढ़ रहा है और सिस्टम में नकली नोटों की संख्या भी बढ़ रही है. यह बात स्वयं आरबीआइ ने अपनी सालाना रिपोर्ट में स्वीकार की है. जिसमे कहा गया है कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में प्रचलित करेंसी में बैंक नोटों की संख्या 4.4 प्रतिशत बढ़ी है. अगर मूल्य के हिसाब से देखें तो भी बैंक नोटों की हिस्सेदारी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कुल प्रचलित मुद्राओं में बड़े नोटों (500 और दो हजार रुपये) की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में बढ़ कर 87.9 प्रतिशत हो गई है.
ये बरामदगी एजेंसियों के स्तर पर होने वाली बरामदगी के अलावा है। ये नकली नोट बैंक शाखा स्तर पर या आरबीआइ चेस्ट में जमा होने के बाद पकड़े गए हैं. इसमें दो रुपये और पांच रुपये के भी नोट हैं (इनकी संख्या इकाई में है) और 500 व 2,000 के नोट भी हैं। पिछले वर्ष दो हजार रुपये के 9,806 नकली नोट पकड़े गए हैं. यह संख्या वर्ष 2021-22 में 13,604 थे. सबसे ज्यादा (91,110) 500 रुपये के नोट पकड़े गए हैं.
जहां तक नकली नोटों की बात है तो बैंकिंग सिस्टम में वर्ष 2022-23 में कुल 2,25,769 नकली नोट पकड़े गए हैं. इसके पहले के दो वित्त वर्षों में यह संख्या क्रमश: 2,30,971 और 2,08,625 रही थी.

अर्थव्यवस्था में बना रहा निरंतर दबाव :
वैश्विक स्तर पर राहत की बात रही कि भारत बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में उभरा है आर्थिक मोर्चे पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पिछले वित्त वर्ष में मजबूत लचीलापन प्रदर्शित किया, जो प्रमुख देशों के बीच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में उभरा. हालांकि, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कमजोर खपत होने, ग्रामीण मांग में कमी रहने और निरंतर लागत दबाव बने रहने से एक बड़ा दबाव बना रहा जिसका असर देश के निम्न और मध्यम आय वर्गीय लोगो के उपर पड़ा है.

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उपरोक्त रिपोर्ट और उसके विश्लेषण और बैंकिंग एक्सपर्ट की राय को अगर माना जाए तो यह कोई बड़ी बात नहीं कि नोटबंदी की शौक़ीन या नोटबंदी को एक बेहतर विकल्प मानने वाली मौजूदा सरकार किसी दिन यूँ ही अचानक से सामंने आये और कहे कि अब पांच सौ के नोट चलन से बाहर लिए जाते है ! ! !…

{Disclaimer/अस्वीकरण: उपरोक्त लेख सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार एवं RBI की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर लेखक के द्वारा किये गए विश्लेषण पर आधारित है. विराट 24 मीडिया ऐसा कोई दावा नहीं करता है.}

by Er. Umesh Shukla for ‘VIRAT24’ news

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