छात्र विशेष: राज्य का पहला निःशुल्क संस्थान, जहा पढ़ाते हैं कलेक्टर, एसपी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी
>सिविल सेवा परीक्षा की करनी है तयारी,नहीं देनी होगी कोई फीस
>प्रदेश की पहली हाईटेक कोचिंग, जहा पढ़ाते आते है कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी, निगम कमिश्नर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी
>अब तक करीब दो सौ युवा एमपी पीएससी-यूपीएससी की तैयारी कर रहे है।

जबलपुर: डिजिटल बोर्ड, हाई रसोलुशन कैमरे से लाइव (high resolution) स्ट्रीमिंग और प्रोजेक्टर समेत अन्य सुविधाओं से लैस है ये हाई टेक कोचिंग संस्थान। यहाँ युवाओ के सपनो को साकार करने और उनके पंखो को उड़ान देने की एक कोशिश है।
अक्सर यह देखने में आता है कि धन के अभाव में प्रतिभाये पीछे रह जाती है। पर जबलपुर में एक नई पहल की गयी है। युवा धन के आभाव में पीछे न रह जाए, इसी उद्देश्य से युवाओ के लिए प्रशासनिक पहल के माध्यम से ज्ञानाश्रय नाम से उक्त कोचिंग की शुरुआत की गयी है। आपको बता दे अभी मार्च में यह कोचिंग शुरू की गयी है जहा अब तक करीब दो सौ युवा एमपी पीएससी यूपीएससी की तैयारी कर रहे है। सबसे बड़ी बात ये है कि यह कोचिंग बिलकुल निःशुल्क है यानी कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। कोचिंग में पढ़ाने की बात करे तो टीचर्स के साथ साथ पढ़ाते आते है कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी, निगम कमिश्नर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी। दवा किया जा रहा है कि अपनी तरह का यह प्रदेश का पहला हाईटेक कोचिंग संस्थान है।
लाइव क्लासेस की है सुविधा
दूर दराज के युवाओ के लिए कोचिंग में लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये ऑनलाइन क्लासेज(online classes) की व्यवस्था की गयी है। संस्था के एक कमरे में लाइट, साउंड, हाई रेसोलुशन एचडी कैमरा, रिकॉर्डिंग उपकरण, प्रोजेक्टर आदि पूरा सेट अप लगाए गए है।

छात्रों का चयन
टेस्ट के जरिये छात्रों का चयन किया जाता है। बताया गया कि दो हजार छात्रों में से दो सौ छात्रों का चयन टेस्ट के जरिये किया गया है। दूर दराज के युवाओ के लिए ऑनलाइन क्लासेज हैं। सिविल सेविसेस की तैयारी करने वाले छात्रों का चयन मेरिट के आधार पर होता है।
कोचिंग को ऑर्डिनेटर का कहना है कि युवा अपना लक्ष्य हासिल कर सके, इसलिए निःशुल्क तयारी की व्यवस्था है। तीन माह की तयारी के बाद छात्र अपना पहला एटेम्पट देंगे।