खुशखबरी! लाखों रेल कर्मचारियों को मिलेगा पेंशन पर बड़ा फायदा, 30 सितंबर से पहले भरें ये फॉर्म

नई दिल्ली. रेल मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक ऐसे कर्मचारी या अधिकारी जिनकी नियुक्ति तो एक जनवरी 2004 के बाद हुई थी, लेकिन उनके चयन की प्रकिया से जुड़े सभी कार्य एक जनवरी 2004 से पूर्व ही पूरे कर लिए गए थे. अब ऐसे सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम में पंजीकृत कर लिया गया है. यानी इन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) का फायदा मिल सकेगा. गौरतलब है कि इस अवधि में रेल मंत्रालय ने बड़ी संख्या में भर्तियां की थीं. विभिन्न जोन में देशभर में करीब 2.50 लाख नियुक्तियां इस दौरान की गई थीं. इस संबंध में दक्षिण रेलवे (southern Railway) ने निर्देश जारी कर दिए हैं.

30 सितम्बर से पहले देनी होगी जानकारी
दक्षिण रेलवे की ओर से जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक जिन भी कर्मचारी को पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा लेना है उन्हें 30 सितम्बर 2020 के पहले इसकी जानकारी रेलवे को देनी होगी. इस सुविधा के लिए रेलवे की ओर से एक फॉर्म जारी किया गया है जिसे भर कर जमा करना अनिवार्य है.

इन लोगों को मिलेगा स्कीम का फायदा
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक रेलवे बोर्ड की ओर से जारी की गई नई पॉलिसी के तहत ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को new pension scheme से old pension scheme में जाने के लिए one time option दिया गया है, जिनका प्रशासनिक कारणों से जैसे, एजुकेशन और पुलिस वेरिफिकेशन में देरी, मेडिकल में कुछ समस्या, कोर्ट केस सहित अन्य कारणों से ज्वॉइनिंग में लेट हुआ हो. ये फायदा सिर्फ उन कर्मचारियों या अधिकारियों को ही मिलेगा. जिनकी भर्ती प्रक्रिया 31.12.2003 से पहले पूरी हो गई थी लेकिन वे नौकरी ज्वॉइन नहीं कर पाए थे. ऐसे कर्मचारियों जिन्होंने अपने निजी कारणों के चलते नौकरी ज्वॉइन नहीं की थी उन्हें इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा.

इस तरह समझें न्यू पेंशन स्कीम
पहली अप्रैल 2004 से नई पेंशन योजना (NPS) लागू की गई है. NPS में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पुराने कर्मचारियों की तरह पेंशन और पारिवारिक पेंशन के लाभ नहीं मिलेंगे. इस योजना में नए कर्मचारियों से वेतन और महंगाई भत्ते का 10% अंशदान लिया जाता है. नए आदेश के हिसाब से कर्मचारी और नियोक्ता की हिस्सेदारी 10-10 फीसदी होगी. मान लीजिए एक कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन 50 हजार रुपए है. अभी तक एनपीएस स्कीम में कर्मचारी का हिस्सा 10% के हिसाब से 5 हजार रुपए और नियोक्ता के अंशदान के रूप में सरकार 14% के हिसाब से सात हजार रुपए जमा करती थी.

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