क्या लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका खत्म करना चाहती है बीजेपी? किसे कहा गिद्ध उतरे है मणिपुर में !


क्या लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका खत्म करने पर उतारू है बीजेपी? किसे कहा गिद्ध उतरे है मणिपुर में !

गौरतलब है कि राहुल गांधी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचे हैं लेकिन ये बात बीजेपी को रास नहीं आ रही है। बीजेपी उन हमलावर है और तीखे प्रहार कर रही है। गृह मंत्री शाह ने कहा कि मणिपुर में गिद्ध उतरे हैं। राहुल 2015 से 2017 के बीच क्यों नहीं आये मणिपुर।
बीजेपी के संबित पात्रा ने तीखा हमला करते हुए कहा कि राहुल की यह यात्रा गैरजिम्मेदाराना और असंवेदनशील है। उनके मणिपुर जाने से हालात और ख़राब हो सकते है। संबित ने आगे कहा कि राहुल मणिपुर में राजनीति करने गए है।

आपको बता दें कि राहुल गांधी गुरुवार को मणिपुर पहुंचे, इम्फाल से वो शरणार्थी राहत कैम्प जा रहे थे कि, तो उन्हें पुलिस द्वारा सख्ती से रोका दिया गया। जिसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी राहुल गांधी से डर गयी है। राहुल
देश के एक जिम्मेवार नेता होने के नाते मणिपुर लोगो से मिलने और शांति बहाल करने की कोशिश करने गए है। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि उन्हें विदेश जाने और वोट की राजनीती करने के लिए मप्र जाने की फुर्सत तो है पर मणिपुर जाने के लिए समय नहीं है। डबल इंजन की सरकार का मणिपुर में क्या हुआ। इस पर जवाब दें।

उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर करीब पिछले तीन महीने से जातीय हिंसा की चपेट में है। जान माल का बड़ा भारी नुक्सान हुआ है जो अभी भी जारी है। देश के गृह मंत्री शाह दो बार जा चुके है, सैकड़ो मीटिंग्स कर चुके परन्तु हालत में सुधार नहीं हुए है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री नहीं देंगे इस्तीफा :
तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए सीएम वीरेन ने ट्वीट कर एलान कर दिया है कि इस्तीफा देने का तो सवाल ही नहीं उठता है। उनके इस ट्वीट पर कांग्रेस उन पर भी हमलावर है और उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है।

आपको बता दें कि राहुल गांधी मणिपुर में राज्यपाल से मिले है और शांति बहाल करने की बात कही है। साथ ही राहुल चॉपर द्वारा इम्फाल से मोइरांग पहुंचे जहा उन्होंने हिंसा की चपेट में आये बहुत से लोगो से मिलकर उनका हाल जाना और उन्हें ढाढस बधाया है।
राहुल ने मणिपुर के सभी समाज के लोगो से शांति बहाल करने की गुजारिश की है और कहा कि हिंसा से किसी भी चीज का हल नहीं निकल सकता है।
मणिपुर में हो रही हिंसा को देश और मणिपुर के लिए कष्टदायी बताया है। उन्होंने कहा कि मई लोगो का दर्द बाटने आया हूँ।

राजनितिक गलियारों में राहुल के इस दौरे की ख़ासा चर्चा है, बीजेपी जहा उनपर हमलावर है और अमर्यादित होते हुए गिद्ध की संज्ञा तक दे डाली है तो वही कांग्रेस उनकी इस यात्रा को शांति बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।

आपको बता दें कि पूर्व में जब जम्मू कश्मीर में हालात बेकाबू हुए थे तो राहुल लोगो से मिलने कश्मीर पहुंचे थे जहा उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया था। बाद में विदेशी राजनयिकों का समूह काश्मीर दौरे पर आया था जिसकी देशभर में तीव्र आलोचना हुई थी कि अगर विदेशी आ सकते है तो विपक्ष क्यों नहीं???

अब जब मणिपुर जल रहा है, हालात लाख कोशिसो के बाद भी बेकाबू हैं तो ऐसे में चाहिए कि सत्ता विपक्ष सभी मिल कर शांति बहाल करने की कोशिश करें परन्तु बजाय इसके एक दूसरे पर व्यंग्य बाण छोड़े जा रहे है। इस सबमे नुक्सान तो जनता का है।

परन्तु अहम् सवाल यही है कि :-

  • अगर लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष दोनों ही अहम् है तो राहुल के मणिपुर जाने से बीजेपी को क्यों मिर्ची लग रही है ??
  • क्या बीजेपी लोकतंत्र में विपक्ष को बर्दाश्त नहीं कर सकती ??
  • क्या बीजेपी लोकतंत्र में में विपक्ष की भूमिका को खत्म करना चाहती है ??
  • राहुल गांधी को राहत शिविर क्यों नहीं जाने दिया गया ,वो कोई ऐसे व्यक्ति तो नहीं जिससे देश को खतरा हो?
  • पीएम मोदी अब तक मणिपुर क्यों नहीं पहुंचे ???

ऐसे बहुत से सवाल जनता के मन में सुलग रहे है जिनका जवाब देश के सत्ता और विपक्ष को देना चाहिए , नहीं तो आगामी चुनाव में जनता जनार्दन की भूमिका निभाते हुए उलट फेर भी कर सकती है। बहरहाल कुछ भी करके मणिपुर में शांति बहाल हो यही प्रथम उद्देश्य होना चाहिए, ना कि अपनी अपनी राजनितिक रोटियां सेकने की कोशिश।

by Er. Umesh Shukla for Virat24 news

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