2023 में घटेगा कुछ ऐसा कि होगा जंगल जैसा अंधेरा, जानिये घटना और दुनिया पर क्या होगा असर?

2023 में घटेगा कुछ ऐसा कि होगा जंगल जैसा अंधेरा, जानिये घटना और दुनिया पर क्या होगा असर?

  • 2023 में आ सकती है बड़ी आपदा
  • दिखेगा जंगल जैसा अंधेरा
  • दुनिया पर पड़ेगा असर

सौर तूफ़ान (solar storm): वैज्ञानिको के मुताबिक वर्ष 2023 के अंत तक पृथ्वी पर एक ऐसी प्राकृतिक आपदा आने के संकेत के मिल रहे हैं जिसकी वजह से सौर मंडल में एक बड़ी घटना घटित हो सकती है। हम बात कर रहे है सोलर स्टॉर्म यानी सौर तूफ़ान, जिसे सरल भाषा में कहे तो कह सकते है सूर्य का कहर। कहा जा रहा है कि 2023 के आखिर तक ऐसा होने का अनुमान है, ऐसे कयास स्पेस वैज्ञानिको ने लगाए है। उल्लेखनीय है कि 164 वर्ष पहले भी हुई ऐसी एक आपदा से इसकी तुलना की जा रही है, जिसमें दुनिया के एक देश को बड़ा नुकसान हुआ था। करीब नौ घंटे बाद सिस्टम ठीक हो पाया और बिजली बहाल हो सकी थी।

आपको बता दे कि करीब 34 वर्ष पहले भी ऐसी ही सोलर स्टार्म की एक घटना घटित हुई थी जिसके चलते कनाडा में पॉवर ग्रिड तबाह हो गए थे। कनाडा देश में ब्लैकआउट हो गया था। देश अँधेरे से झूझ रहा था। ऐसा ही इस वर्ष के अंत तक होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।

सबसे भयानक सोलर स्टॉर्म
सबसे भयानक सोलर स्टॉर्म साइंटिस्ट्स ने 13 मार्च, 1989 में पृथ्वी पर आए सोलर स्टार्म का जिक्र किया है। दरअसल, ये एक शक्तिशाल तूफान था, जिसने साइंटिस्ट्स को हैरान कर दिया था। इस तूफान की तीव्रता मापने के लिए उस समय तक कोई यंत्र नहीं बना था। उस वक्त डिस्टर्बेंस स्टॉर्म टाइम इंडेक्स (distratous index) पर इस तूफान की 500 रीडिंग दर्ज की गयी थी।

जब सारा देश हो गया ब्लैकआउट
164 साल पहले वर्ष यानी 1859 में कैरिंगटन में एक इससे भी भयानक घटना हुई थी, जिसमें कई बिजली ऑपरेटरों/कर्मचारियों को बिजली के झटके लगे थे। जबकि कनाडा में वर्ष 1989 में आया था सोलर स्टार्म जिसके कारण पावर ग्रिड तबाह हुआ था और तबाह हुए पॉवर ग्रिड को ठीक करने में करीब 9 घंटे लग गए थे। इस दौरान देश के एक बड़े भाग पर अंधेरा छाया रहा। बड़े पैमाने पर रेडियो ब्लैकआउट हो गया था । यानी कहा जा सकता है कि 34 साल पहले पृथ्वी सदी के सबसे भयानक सौर तूफान का गवाह बनी थी।

पृथ्वी पर 164 साल पहले दिखा तबाही का मंजर फिर से दोहराया जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में लगातार देखी गई कोरोनल मास इजेक्शन की घटनाओं के विश्लेषण में अहम तथ्य सामने आए हैं।

साउथ पोल भी नहीं रहा अछूता
इस सोलर स्टार्म ने दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर भी असर डाला था। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका तक इसका असर देखा गया था । लगभग पूरी पृथ्वी अरोरा की रोशनी से गर्म हो गई थी। कनाडा में कनाडा में हाइड्रो-क्यूबेक पावर ग्रिड को भारी नुकसान हुआ। यहां करीब 9 घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही। इससे 6 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए।

सौर तूफान:
एक सौर तूफान सूर्य पर एक अशांति है, जो पृथ्वी और इसके मैग्नेटोस्फीयर सहित पूरे सौर मंडल को प्रभावित करते हुए, हेलिओसियर के बाहर की ओर निकल सकता है, और अल्पावधि में अंतरिक्ष मौसम के कारण अंतरिक्ष जलवायु का कारण बनता है

ठप पड़ गया था रेडियो नेटवर्क
सोलर स्टार्म के कारण कनाडा में संचार सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो गया था। जिसके चलते पूरे यूरोप में रेडियो नेटवर्क जाम हो गए। यहां तक ​​कि उपग्रहों को भी काफी नुकसान हुआ। तबाही में NOAA का GOES मौसम उपग्रह से कनेक्शन बाधित हो गया। नासा के TDRS-1 संचार उपग्रह के स्पेस शटल डिस्कवरी सेंसर की खराबी आ गई।

आने वाले सोलर स्टॉर्म @ 2023 के बारे में अनुमान
सूत्रों के अनुसार 2023 के अंत तक में फिर से सोलर स्टार्म की आशंका सोलर वैज्ञानिको द्वारा लगायी गयी है। हलाकि सोलर स्टार्म के बारे में सटीक/मुकम्मल अनुमान के लिए अब तक कोई मुकम्मल तकनीकी तो उपलब्ध नहीं है परन्तु प्राप्त आकड़ो और पैटर्न पर जो सोलर तूफ़ान का अनुमान लगाया जा रहा है उसके घटित होने से इंकार भी नहीं किया जा सकता।
आपको बता दें कि कोरोनल मास इजेक्शन के दौरान जब पृथ्वी से आग जैसा द्रव्यमान पृथ्वी से टकराता है, तो सोलर स्टार्म की घटना घटित होती है। एक्सपर्ट्स ने आशंका व्यक्त की है कि इस वर्ष 2023 के अंत में इस तरह के तूफान का जबरदस्त खतरा है, जो कि एक महा विनाशकारी तूफान हो सकता है और इसलिए इससे निपटने के उपाय के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।

सौर तूफान (सोलार स्टॉर्म)से बचने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं
सौर तूफानों से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यह है कि पहले से ही उनका पूर्वानुमान लगा लिया जाए और ग्रिड को बंद कर दिया जाए। डीएचएस में एक सौर तूफान शमन परियोजना है जो सौर किरणों के कारण “संभावित अवरोधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने” के लिए डिज़ाइन की गई है।

हम सौर तूफानों से कैसे बचा सकते हैं?
एक रेडियो या लैपटॉप जैसे आपातकालीन बैकअप इलेक्ट्रॉनिक्स की सुरक्षा के लिए, उन्हें (अनप्लग्ड) एक सील कार्डबोर्ड बॉक्स के अंदर रखें, फिर बॉक्स को पूरी तरह से एल्यूमीनियम पन्नी से लपेट दें। एक अन्य उपाय यह है कि कार्डबोर्ड के साथ धातु के कचरे के अंदर लाइन बनाई जाए।

पृथ्वी पर सौर तूफान क्या करेगा?
सौर तूफान क्या हैं और वे पृथ्वी को कैसे प्रभावित करते हैं? सौर तूफान सौर सतह से द्रव्यमान और ऊर्जा के विभिन्न प्रकार के विस्फोट होते हैं। … जब सामग्री पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और फंसे विकिरण बेल्ट के साथ टकराती है, तो यह हमारे ऊपरी वायुमंडल में कणों को अरोड़ा डंप कर सकती है।

सूर्य की सतह पर बड़े पैमाने के विस्फोट होते हैं, जिसके दौरान कुछ हिस्से बेहद चमकीले प्रकाश के साथ असीम ऊर्जा छोड़ते हैं, जिसे सन फ्लेयर कहा जाता है. सूर्य की सतह पर होने वाले इस विस्फोट से उसकी सतह से बड़ी मात्रा में चुंबकीय ऊर्जा निकलती है, जिससे सूरज के कोरोना या सूर्य की बाहरी सतह का कुछ हिस्सा खुल जाता है. इससे ऊर्जा बाहर की ओर निकलती है, जो आग की लपटों की तरह दिखाई देती है. ये असीम ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती रहे तो इससे अति सूक्ष्म न्यूक्लियर पार्टिकल भी निकलते है. यह कण पूरी ऊर्जा के साथ ब्रह्मांड में फैल जाते हैं. जिसे सौर तूफान कहा जाता है. इस ऊर्जा में जबरदस्त न्यूक्लियर रेडिएशन होता है, जो इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाता है.

सूर्य के वायुमंडल से उत्पन्न सौर तूफान का, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभुत्व वाले अंतरिक्ष के क्षेत्र पर बहुत ही प्रासंगिक प्रभाव हो सकता है। ये एक छेद है जो सूर्य के वातावरण में खुल गया है जो तेज गति वाली सौर हवाएं और आवेशित कणों की एक धारा बना रहा है।


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