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पीएम मोदी ने नए संसद भवन का किया भव्य लोकार्पण, नए संसद भवन के लोकार्पण के अब तक के सारे घटनाक्रम पढ़ें इस एक खबर में …
संसद भवन में बोले पीएम मोदी ‘नए रास्तों पर चलकर ही प्रतिमान गढ़े जाते हैं’
पीएम मोदी: जो रुक जाता है, उसका भाग्य भी रुक जाता है, लेकिन जो चलता रहता है, उसका भाग्य भी चलता रहता है। इसलिए चलते रहो, चलते रहोI
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पीएम: नया संसद भवन नए भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगाI
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 7.30 बजे नए संसद भवन पहुंचे. वह पारम्परिक परिधान धोती-कुर्ता और अंगवस्त्र धारण किए हुए थे. वो द्वार संख्या एक से संसद परिसर के भीतर आए और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया. इसके तुरंत बाद, वह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला पूजा के लिए बैठे.
उद्घाटन समारोह के दौरान, पीएम मोदी ने नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ स्थापित किया और तमिलनाडु के विभिन्न अधिनामों के संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया.
नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान किया. अनुष्ठान के दौरान पीएम मोदी ‘सेंगोल’ के सम्मान में दंडवत हो गए. हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया. इसके बाद ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस. जयशंकर और जितेंद्र सिंह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा मौजूद रहे.
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प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारियों को भी सम्मानित किया. उन्होंने श्रमिकों को शॉल और गिफ्ट देकर सम्मानित किया. इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ, जिसमें 12 धर्मों के प्रतिनिधियों ने पवित्र शब्दों का उच्चारण किया और नई संसद की सफलता, सुरक्षा की कामना की. इस सर्वधर्म सभा में बौद्ध, जैन, पारसी, हिंदू, सिख, ईसाई, इस्लाम समेत कई धर्मों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी प्रार्थनाएं कीं.
पीएम ने सुबह-सुबह हवन के साथ नए संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन किया गया, जिसके बाद सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन हुआ. पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा अन्य गणमान्य सर्वधर्म प्रार्थना सभा में उपस्थित रहे. नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है.
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नए संसद भवन का लोकार्पण और लोकसभा कक्ष में सेंगोल की स्थापना का कार्यक्रम संपन्न हो चुका है. समारोह का दूसरा चरण शुरू हुआ, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति ने अपना संबोधन दिया. उन्होंने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का संदेश भी पढ़ा. इसके बाद पीएम मोदी ने अपना सम्बोधन दिया. आइये आपको समारोह के दूसरे चरण की विशेष बाते विस्तार से बताते है . . .
यह दिव्य और भव्य इमारत राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को गति और शक्ति प्रदान करेगी: PM मोदी
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इस महोत्सव में भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है: PM मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद देश को समर्पित करने के बाद ट्वीट किया
आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है. संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी.
नई संसद के लोकार्पण समारोह का दूसरा चरण शुरू हुआ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद के लोकार्पण समारोह के दूसरे चरण के लिए जब नव निर्मित भवन में पहुंचे तो वहां मौजूद सांसदों ने भारत माता की जय के नारों से उनका स्वागत किया.
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राष्ट्रगान के बाद राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने अपने संबोधन में कहा कि नया संसद भवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और असाधारण प्रयासों का नतीजा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों से भारत की जनआकांक्षाओं के अनुरूप नए संसद भवन का निर्माण हुआ है. अमृतकाल में इसका लोकार्पण होना ऐतिहासिक घटना है, जिसे इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. यह दिन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह अमृतकाल में प्रेरणा का स्रोत साबित होगा. यह बेहद खुशी की बात है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में 2.5 साल से भी कम समय में एक नई आधुनिक संसद का निर्माण किया गया.

राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का संदेश पढ़ा उन्होंने कहा कि नया संसद भवन सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. गौरवशाली भवन नया इतिहास लिखेगा. नई संसद गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का प्रतीक है. देश के हर कोने से लाई गई संस्कृति की भव्यता है.
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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने नए संसद भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश पढ़ा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि उन्हें संतोष है कि नई संसद का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संसद के विश्वास का प्रतीक होता है. राष्ट्रपति ने अपने संदेश में नई संसद को विविधता का उदाहरण और भारत की सामूहिक चेतना का प्रतीक बताया.
नई संसद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पूरा देश आज इस पल का गवाह बन रहा है. मैं पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिनके नेतृत्व में 2.5 साल के भीतर इस नई संसद का निर्माण हुआ.
पीएम मोदी का सम्बोधन:
नरेंद्र मोदी ने नई संसद के लोकार्पण समारोह में अपने संबोधन में कहा कि हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं जो अमर हो जाते हैं. 28 मई ऐसा दिन है. उन्होंने कहा कि नई संसद सिर्फ एक भवन नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है. पीएम मोदी ने कहा कि देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. आज सुबह ही संसद परिसर में सर्वपंथ प्रार्थना हुई है.
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सभी देशवासियों को भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बधाई देता हूं. नया संसद भवन विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता है, यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है. यह हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है. नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते है. नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है. नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है. नई सोच है, दिशा नई है, दृष्टि नई है. संकल्प नया है, विश्वास नया है. पीएम मोदी ने कहा कि, हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं जो अमर हो जाते हैं, 28 मई ऐसा ही दिन है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को गति और शक्ति प्रदान करेगी.
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पीएम मोदी ने सेंगोल पर कहा:
‘जब भी इस संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी। यह सेंगोल हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र नहीं। बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है। भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का बहुत बड़ा आधार है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था ही नहीं, एक संस्कार है, एक विचार है, एक परंपरा है। हमारे वेद हमें सभाओं और समितियों के लोकतांत्रिक आदर्श सिखाते हैं। महाभारत जैसे ग्रंथों में गणों जैसे शब्दों का जिक्र मिलता है। तमिलनाडु में मिला 900 ईस्वीं का शिलालेख भी यही सिखाता है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, सेवा पथ का, राष्ट्रपथ का प्रतीक माना जाता था। राजाजी और आदिनम के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था।
हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है। इस संकल्प की सबसे श्रेष्ठ प्रतिनिधि अगर कोई है, तो यह हमारी संसद है और यह संसद देश की जिस समृद्ध संस्कृति का संकल्प करती है, उसका उद्घोष करती है-चरैवेति, चरैवेति
आगे अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा, समय की मांग है नया संसद भवन, आधुनिक सुविधाओं के साथ यहाँ राष्ट्रीय फूल भी है और राष्ट्रीय पेड़ भी है. ‘नया संसद भवन नए सुविधाओं से लैस है। आप देख सकते हैं कि इस वक्त भी सूर्य का प्रकाश सीधे आ रहा है। इसमें तकनीक का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नई संसद बनने पर गर्व है, तो गरीबों के 4 करोड़ घर बनने का संतोष भी है. यह अनंत सपनों को, असंख्य आकांक्षाओं को पूरा करने का अमृतकाल है. हमारा लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा है. हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है. हमारे पास भी 25 वर्ष का अमृत कालखंड है. इन 25 वर्षों में हमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है. लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, संस्कार है, विचार है, परंपरा है. नया संसद भवन नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का आदर्श उदाहरण पेश करता है.
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अपने सम्बोधन में PM ने कहा, इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। इसमें कला भी है, कौशल भी है। इसमें संस्कृति भी है और संविधान के स्वर भी हैं। आप देख रहे हैं कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है। राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। और संसद के प्रांगण में हमारा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों की जो विविधता है, इस नए भवन ने उन सबको समाहित किया है। इसमें राजस्थान से लाए बलवा पत्थर लगाए गए हैं। ये जो लकड़ी का काम है, वह महाराष्ट्र से आई है। यूपी में भदोही के कारीगरों ने अपने हाथ से कालीनों को बुना है। एक तरह से इस भवन के कण-कण में हमें एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन हुए हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाली इस कार्यस्थली को भी उतना ही नवीन होना चाहिए। आधुनिक होना चाहिए। साथियों एक समय था, जब भारत दुनिया के सबसे समृद्ध और वैभवशाली राज्यों में गिना जाता था। भारत के नगरों, मंदिर वास्तु में भारत की समृद्धि का जिक्र करता था। चोल शासकों द्वारा बनाए मंदिरों से लेकर जलाशयों तक, बाहर से आने वालों को यह मंत्रमुग्ध कर देता था। लेकिन सैकड़ों साल की गुलामी ने हमसे हमारे यह गौरव छीन लिया।’
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नए संसद भवन की जरूरत क्यों थी ?
पीएम ने कहा कि ‘साथियों संसद के पुराने भवन में सभी के लिए अपने कार्यों को पूरा करना इतना मुश्किल हो रहा था, यह हम सभी जानते हैं। तकनीक, बैठने की जगह से जुड़ी चुनौतियां थीं। डेढ़-दो दशकों से चर्चा थी कि हमें नए संसद भवन की जरूरत है। हमें यह भी देखना था कि आने वाले समय में सीटों की संख्या बढ़ेगी, सांसदों की संख्या बढ़ेगी तो वे कहां बैठेंगे। इसलिए यह समय की जरूरत थी कि संसद के नए भवन का निर्माण किया जाए।’

75 रुपये का स्मारक सिक्का :
नए संसद भवन के उद्घाटन पर पीएम मोदी ने जारी किया 75 रुपये का स्मारक सिक्का। इस सिक्के का निर्माण कोलकाता की टकसाल में किया गया। यह सिक्का चांदी, तांबे और निकेल से बनकर तैयार हुआ है। पीएम मोदी ने डाक टिकट भी जारी किया।
विपक्ष ने किया बहिष्कार:
देश को नया संसद भवन मिल चुका है। नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है। राजदंड ‘सेंगोल’ को लेकर विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष दोनों की दलीलों को अपनी-अपनी जगह सही बताया। साथ ही थरूर ने अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर वर्तमान मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया।