तमाम कोशिशों के बाद भी जब शावक की बाघिन माँ नहीं मिली तो मजबूरन शावक को कहा भेजा गया, पढ़िए भावुक कर देने वाली इस मार्मिक खबर को…

तमाम कोशिशों के बाद भी जब शावक की बाघिन माँ नहीं मिली तो मजबूरन शावक को कहा भेजा गया, पढ़िए बहवूक कर देने वाली इस मार्मिक खबर को

तमाम कोशिशों के बावजूद बिछड़े शावक की बाघिन मां का सुराग नहीं मिलने के बाद गुरूवार शाम करीब 4 बजे चार माह के नन्हें बाघ शावक को पेंच प्रबंधन ने कान्हा टाइगर रिजर्व के गोरेल्ला बाड़े में छोड़ दिया है।

इसी बाड़े में अब बाघ शावक की देखभाल और परवरिश होगी। बुधवार को रजोला बफर जंगल में बाघ शावक को पिंजरे में रखकर रात भर बाघिन से मिलाने का प्रयास किया गया। लेकिन बाघिन के नहीं आने पर शावक को आगे की देखभाल के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व भेजने का निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से लिया गया।

क्षेत्र संचालक देवा जे प्रसाद ने ने बताया कि चार मार्च से चार अप्रैल तक एक माह के कैमरा ट्रेप की फोटोग्राफ का भी विश्लेषण किया गया। डाग स्क्वाड टीम ने तालाब में शावक की गंध दिखाकर तलाशी ली गई।

ग्रामीणाें व चरवाहाें से चर्चा के दौरान क्षेत्र में एक बाघिन के शावकाें के साथ विचरण करने की जानकारी प्राप्त हुई किंतु इसके पुष्ट प्रमाण प्राप्त नहीं हुए। 13 अप्रैल गुरुवार सुबह को बाघ शावक को जंगल से हटाकर वन विश्राम गृह रूखड़ लाया गया।

बाद में बाघ शावक को रूखड़ से कान्हा टाइगर रिजर्व में उचित देखभाल के लिए रवाना किया गया। शाम करीब 4 बजे कान्हा के गोरेल्‍ला बाड़े में शावक को सुरक्षित छोड़ दिया गया है।

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