क्या बागेश्वर धाम के पं धीरेन्द्र शास्त्री की रेल वाली अर्जी निकली फर्जी ???

उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में ओडिशा में भीषण रेल हादसा हुआ था जिसमे सैकड़ो लोगो ने अपनी जान गवा दी। बहुत से लोगो ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी थी, उसी कड़ी में बागेश्वर धाम के पं धीरेन्द्र शास्त्री की भी टिपण्णी आयी है, जो काफी वायरल हो रही है।
बात दरअसल ये थी कि एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा कि क्या आप जानते थे ऐसा रेल हादसा होगा और अगर जानते थे तो आपने आगाह क्यों नहीं किया या रोकने की जुगत क्यों नहीं लगायी ???
सवाल के जवाब में पंडित शास्त्री जी ने कहा कि जानना एक बात है जबकि उसको टालना दूसरी बात है। इसके लिए उन्होंने श्री कृष्णा और महाभारत की घटना का उल्लेख भी किया और कहा कि महाभारत अवश्यभामी था, श्री कृष्णा ये जानते भी थे पर उन्होंने जानते हुए भी उसे रोकने का प्रयास तो किया पर टाले नहीं।
साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अब जबकि करीब दो सौ लोग काल के गाल में समा चुके है और हजारो घायल है तो हम इतना अवश्य करेंगे कि आज पहली अर्जी इसी बात की लगाएंगे कि अस्पतालों में जो भी घायल हैं उनमे किसी की भी मौत न होने पाए और सभी जल्दी से निरोगी होकर अपने घर लौट सके।
अब यही पर सवाल उठता है कि आखिर अर्जी का अंजाम क्या हुआ ???

उल्लेखनीय है कि बाबा के यहाँ हजारो अर्जिया लगती है और बाबा जी खुद कहते नहीं थकते कि सभी अर्जियों का शत प्रतिशत समाधान होना सुनिश्चित है, तो अगर उक्त अर्जी के विषय में अध्ययन कर बात करे तो पता चलता है कि बाबा जी की अर्जी (कि अब कोई न मरे और सभी घायल निरोगी हो जाए) तो बोगस/फर्जी/असमाधानात्मक साबित हुई है, क्युकी अर्जी लगने के बाद भी उक्त रेल हादसे में घायल लोग अस्पतालों में अब भी दम तोड़ रहे है। तो ये कहा जा सकता है कि ‘बाबा की अर्जी निकली फर्जी’ !!!
>शायद ‘माई डिअर’ (my dear) उनका पसंदीदा वाक्य है।
>प्यार और दुलार से वो अक्सर अपने दरबार में अपने समर्थको को ‘मेरे पागलो’ कहकर सम्बोधित करते है।
बहरहाल ये बात कि ‘बाबा की अर्जी निकली फर्जी’ हम बाबा के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए कतई नहीं कह रहे और ना ही ऐसा कोई इरादा है। ना उनके समर्थको की भावना को आहत करने का कोई प्रयास है परन्तु यह बात सिर्फ इसलिए कही जा रही है कि जब आप किसी जिम्मेवार रसूख के मालिक हो और आपके लाखो-करोर्ड़ो समर्थक, अनुयायी हो और आपकी बात को लोग पत्थर की लकीर समझते हो तो फिर ऐसे में जो भी बात आप कहे वो बड़ी सोच समझकर कहनी चाहिए वर्ना समाज और जनमानस में अंधविश्वास फैलते देर नहीं लगती और इससे गलत सन्देश भी जाता है और पंडित धीरेन्द्र शास्त्री जी स्वयं भी नहीं चाहेंगे कि उनके किसी कथन या कृत्य की वजह से समाज में अंधविश्वास फैले या गलत सन्देश जाये।

अतः कोई भी बात जिम्मेवारी और नाप-तोल के ही बोलना चाहिए, उक्त लेख पाठको तक लाने के पीछे हमारा यही एकमात्र उद्येश्य है। बाते तथ्यात्मक हो तो और भी अच्छा। किसी की भावना को आहत करने का लेखक और विराट24 मीडिया का कोई इरादा नहीं है।
पं. धीरेन्द्र शास्त्री का पत्रकारों के प्रति व्यवहार:
पं. शास्त्री का व्यवहार अक्सर ही पत्रकारों के प्रति रुखा रहता है, अक्सर देखने में आता है कि चाहे उनका दरबार हो या फिर अलग से वो मीडिया से रूबरू हो रहे हो, वो हमेशा ही मीडिया पर हावी रहने का प्रयास करते है। कुछ समय पहले ही जब उनके विषय में महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने उन्हें खुली चुनौती दी थी उस समय मीडिया द्वारा उनसे सवाल पूछे जाने पर मीडिया के प्रति उनके रूखे व्यवहार और लगभग धमकाने का अंदाज किसी से छुपा नहीं है।
अपने अलग अंदाज के लिए भी जाने जाते है पंडित जी:
अक्सर दरबार में आये समर्थको से वो जब रूबरू होते है तो बड़े अलग अलग अंदाज में अर्जियों में आयी लोगो की समस्याओ का समाधान करते देखे जा सकते है। इस अलग अंदाज से लोगो में कौतूहल बना रहता है। छोटे बच्चे तो कई बार उन्हें देख अत्यधिक प्रश्न हो जाते है, जैसे उनका हनुमान जी की तरह मुँह फुलाके बोलने का अंदाज, दरबार में सेनापति और सेना को बुलाकर बुरी शक्तियों को पिटवाने का अंदाज(हलाकि यह सेनापति और उनकी सेना सब अदृश्य पटल पर होती है, केवल बाबा जी ही उनसे संवाद करते है, अलबत्ता पीड़ित व्यक्ति की जरूर दुर्गति हो जाती है क्युकी बार-बार वही गिरता/पड़ता/उठता नजर आता है, हलाकि कहा जाता है कि ऐसे में पीड़ित को राहत मिल जाती है , परन्तु यह सब रूहानी दुनिया की बाते है, हमारी समझ से परे, इसलिए इस विषय पर ज्यादा व्याख्या नहीं की जा सकती है।), बुरी अदृश्य शक्तियों की पेशी और उनको डाटने का अंदाज सब अलग ही है।
हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र:
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री हिन्दुतत्व और हिन्दू राष्ट्र की बात पर काफी मुखर रहते है और आजकल हिन्दू राष्ट्र और हिन्दुत्व के प्रचार, प्रसार में लगे रहते है और इसमें उन्हें भारी जनसमर्थन भी मिल रहा है। शास्त्री जी का कहना है कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है। लव जिहाद, धर्मांतरण जैसी कुरीतियों का जमकर विरोध करते है, समाज को जागरूक करने का कार्य करते है।
(डिस्क्लेमर: किसी की धार्मिक आस्था या भावना को ठेस पहुंचाने का लेखक या विराट24 को कोई इरादा नहीं है। उक्त लेख सोशल प्लेटफार्म पर आती खबरों के आधार पर लेखक का स्वयं का अधयानात्मक विचार है।)